Graduate Chaiwali: प्रियंका चाय स्टॉल खोलने से मशहूर हुई.
खास बातें
- ग्रेजुएट चायवाली को सोशल मीडिया पर खूब फेम मिला.
- नौकरी न मिलने पर प्रियंका ने चाय स्टॉल खोला.
- प्रियंका अलग-अलग तरह की चाय बनाती है.
Graduate Chaiwali: ग्रेजुएट चायवाली' याद है जिसने हाल ही में इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था? ऐसा लगता है कि वह बड़े रास्ते तलाशने के लिए आगे बढ़ने के लिए तैयार है. अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट प्रियंका गुप्ता ने नौकरी नहीं मिलने पर पटना के एक महिला कॉलेज के बाहर चाय की दुकान खोली थी. एएनआई की रिपोर्ट ने उन्हें यह कहते हुए कोटेड किया था, "मैंने 2019 में अपना यूजी किया था, लेकिन पिछले 2 वर्षों में नौकरी पाने में असमर्थ थी. मैंने प्रफुल्ल बिलोर ("एमबीए चायवाला" के रूप में प्रसिद्ध) से प्रेरणा ली. कई चायवाले हैं, क्यों चायवाली नहीं हो सकती?" उसकी स्टोरी सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुई और कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आए. अब ताजा रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रियंका अपनी मशहूर चाय की दुकान को बंद करने के लिए तैयार हैं. क्या आप सोच रहे हैं क्यों? यहां कारण है.
ग्रेजुएट चायवाली' की स्टोरी ने कई लोगों के दिलों को छुआ था और एक व्यक्ति ने उन्हें अपने बिजनेस में एक्सपेंड करने में मदद करने का ऑफर दिया. डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार , एक अंजान व्यक्ति ने प्रियंका को एक फूड ट्रक प्राप्त करने में मदद की है जो उन्हें अपने ऑफरिंग को बढ़ाने देगा. प्रियंका ने इस शर्त पर प्रस्ताव स्वीकार किया है कि वह ट्रक पर खर्च की गई राशि को धीरे-धीरे चुका देंगी. एक छोटी सी चाय की दुकान से लेकर खाने के ट्रक तक, यह 'चायवाली' निश्चित रूप से बहुत कम समय में एक लंबा सफर तय कर चुकी है, और उसका अच्छा एजुकेशन बैकग्राउंड और सोशल मीडिया की फेम उसकी सफलता की यात्रा में अच्छी भूमिका निभा रही है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियंका अलग-अलग तरह की चाय बनाने के लिए स्टाफ हायर करेंगी और साथ में स्नैक्स भी लेंगी. अपनी चाय की दुकान से, वह कुकीज के साथ कुल्हड़ चाय से लेकर पान चाय तक, 10 रुपये से 20 रुपये के बीच की चाय बेच रही थी. अब उसके वफादार ग्राहक उसके स्नैक्स को भी ट्राई करने के लिए इंतज़ार कर रहे होंगे. रिपोर्टों से पता चलता है कि फूड ट्रक कुछ दिनों में आ जाएगा, और वह इस नई जर्नी को शुरू करने के लिए तैयार है.
प्रियंका हमेशा "आत्मानीरभर भारत" की प्रस्तावक रही हैं, और यह नई पहल दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति कड़ी मेहनत के साथ अपने सपनों को अपने दम पर हासिल कर सकता है.