Which Water Bottle is Good: आप पानी तो जरूर पी रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किस चीज की बोतल से पी रहे हैं? ग्लास, प्लास्टिक, कॉपर, स्टील, मिट्टी. आजकल ऑप्शन तो बहुत है लेकिन हर बोतल का अपना इफेक्ट होता है, और ये इफेक्ट आपकी हेल्थ पर और आपके एनवायरमेंट पर असर डालता है. डॉक्टर हंसाजी ने बताया कि कौन सी बोतल आपके लिए सही है. क्या आपकी बोतल सेहत बनाती है या बिगाड़ती है? चलिए पता लगाते हैं.
शीशे की बोतल
ग्लास नॉन टॉक्सिक होता है. इसका मतलब यह है कि कोई भी केमिकल्स को पानी में मिक्स नहीं करता. चाहे गर्मी हो या सर्दी हो. बिना क्वालिटी खोए ग्लास को बार-बार रिसाइकल किया जा सकता है. आप आसानी से देख सकते हैं कि बोतल में कितना पानी है. प्रॉब्लम यह है कि ग्लास बॉटल बहुत नाजुक होती है. टूट सकती है. थोड़ी वजनदार भी होती है. इसीलिए ट्रैवल किए जाने के लिए इतनी प्रैक्टिकल नहीं होती. ग्लास बोतल घर या ऑफिस के लिए अच्छी है. लेकिन ट्रैवल के लिए नहीं.
कॉपर बोतल (तांबे की बोतल)
आयुर्वेद में तांबा काफी समय से इस्तेमाल में आ रहा है. कॉपर में एंटीबक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती है. यह पानी को प्राकृतिक रूप से अल्कलाइन बनाता है. पानी में हानिकारक बैक्टीरिया जैसे इ कोलाई कम होता है. हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. डाइजेशन को सुधारता है और टॉक्सिंस को फ्लश करता है. गर्मी के दिनों में पानी को ठंडा बनाए रखता है. इस बोतल में पानी पीते हैं तो आपको ध्यान ये रखना है कि कॉपर बोतल को नियमित रूप से साफ करना जरूरी है. वरना पानी में टेस्ट खराब हो सकता है. ज्यादा यूज़ करने में कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है. जैसे नजिया और लिवर डैमेज. कॉपर एसिडिक ड्रिंक जैसे नींबू पानी, कोल्ड ड्रिंक या दूध के साथ रिएक्ट करता है. कॉपर बोतल में सिर्फ पानी रखें. रोज इस्तेमाल ना करें और सफाई का काफी ध्यान रखें.
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प्लास्टिक बोतल
प्लास्टिक बोतल जो आजकल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली बोतल है. लेकिन क्या ये सेफ है? प्लास्टिक में बीपीए और पैथलेट्स जैसे हानिकारक केमिकल्स पाए जाते हैं जो गर्मी में पानी में घुल जाते हैं. बीपीए का संबंध कैंसर और ब्रेन डेवलपमेंट प्रॉब्लम से है. प्लास्टिक बार-बार इस्तेमाल करने पर लीक होता है और स्मेल भी पकड़ लेता है. प्लास्टिक से माइक्रो नैनो पार्टिकल्स पानी में बाहर आते हैं जो आपके शरीर, ब्लड और दिमाग तक पहुंच जाते हैं. और सबसे बड़ी बात प्लास्टिक एनवायरमेंट के लिए बहुत ही खराब है. सिर्फ 9% प्लास्टिक ही रिसाइकल हो सकते हैं. अगर यूज करना ही है तो बीपीए फ्री प्लास्टिक का उपयोग करें और गर्मी से दूर रखें.
स्टील बोतल
शेनलेस स्टील की बोतल आजकल काफी पॉपुलर हो रही है. स्टील नॉन रिएक्टिव होता है. स्टील की बोतल से कोई केमिकल पानी में मिक्स नहीं होता. वो लाइट वेट होता है, ड्यूरेबल होता है. ठंडे, गर्म और एसिडिक ड्रिंक के लिए भी बड़ा सेफ है. स्टील रिसाइकबल होने के कारण एनवायरमेंट फ्रेंडली है. लेकिन अच्छी क्वालिटी का स्टील काफी महंगा होता है. कभी-कभी हल्का मैटेलिक टेस्ट भी आ सकता है. स्टील बोतल, हेल्थ, ड्यूरेबिलिटी और एनवायरमेंट सबके लिए एक अच्छा विकल्प है. रोज के यूज के लिए बेस्ट ऑप्शन है.
मिट्टी की बोतल
मिट्टी की बोतल प्राकृतिक अल्कलाइड होने के कारण पानी का पीएच सुधार देती है. पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखती है. एसिडिटी कम करती है. डाइजेशन में मदद करती है. स्ट्रेस मिनरल्स पानी में ऐड करती है. बाहर ले जाने के लिए मुश्किल है. फ्रजाइल होती है. टेंपरेचर चेंज होने पर क्रैक भी हो सकती है. अगर यूज ना की जाए तो बंद जगह में अगर रखी हो तो उसमें फंगस लग सकता है. घर में इस्तेमाल करने के लिए बढ़िया ऑप्शन है.
कौन सी बोतल है सबसे अच्छी
तो अब सवाल है कौन सी बोतल सबसे अच्छी है? यह आपकी प्रायोरिटी पर डिपेंड करता है. गिलास की बोतल अगर आप घर या ऑफिस में यूज कर रहे हैं और टॉक्सिन से बचना चाहते हैं. कॉपर अगर आप आयुर्वेदिक फायदे चाहते हैं लेकिन ध्यान से यूज करें. प्लास्टिक तो सिर्फ लास्ट ऑप्शन हो जब कुछ और अवेलेबल ना हो. स्टेनलेस स्टील की बॉटल्स भी है. अगर आप हेल्थ ड्यूरेबिलिटी और इको फ्रेंडलीनेस चाहते हैं. अगर आपको पीएच बैलेंस और ट्रेस मिनरल्स चाहिए तो घर के लिए मटका हम इस्तेमाल कर सकते हैं. याद रखिए सबसे अच्छी बोतल वही है जो आपकी लाइफ स्टाइल के साथ सही बैठे. आपकी सेहत को सपोर्ट करें और एनवायरमेंट के प्रति जिम्मेदार हो. बोतल सिर्फ कंटेनर नहीं है. वो आपके हेल्थ डिसीजन का एक हिस्सा है. आप जो पानी पी रहे हैं उसकी क्वालिटी उतनी ही इंपॉर्टेंट है जितना उस वेसल की. अगर आप हेल्थ कॉन्शियस हैं तो अपने बोतल की चॉइस भी सोच समझ कर करें. ग्लास, कॉपर, स्टील, मिट्टी यह अपना चॉइस है. हर ऑप्शन का अपना रोल है. और प्लास्टिक तो बस सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही रखें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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