विज्ञापन

चाय के नाम पर गुमराह न हों, FSSAI का सख्त आदेश, हर्बल टी पर लगाई रोक, हर टी चाय नहीं

FSSAI Banned Herbal Tea: एफएसएसएआई ने साफ किया है कि चाय वही कहलाएगी जो केवल कमेल्लीअ सिनेसिस (Camellia sinensis) पौधे से बनी हो. इसके अलावा किसी भी अन्य पौधे, फूल, जड़ी-बूटी या पत्तियों से बने पेय को चाय कहना गलत, भ्रामक और कानूनन अपराध माना जाएगा.

चाय के नाम पर गुमराह न हों, FSSAI का सख्त आदेश, हर्बल टी पर लगाई रोक, हर टी चाय नहीं
FSSAI ने साफ किया है कि चाय वही कहलाएगी जो केवल कमेल्लीअ सिनेसिस पौधे से बनी हो.

Herbal Tea Rules India: भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि आदत, इमोशन और दिन की शुरुआत है. सुबह की पहली चुस्की से लेकर शाम की थकान मिटाने तक, चाय हर घर में मौजूद है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आप जो हर्बल टी, फ्लावर टी या रूइबोस टी पी रहे हैं, वह सच में चाय है या सिर्फ नाम भर? अब इस सवाल का जवाब देश के फूड रेगुलेटर FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) ने साफ-साफ दे दिया है. FSSAI ने साफ किया है कि चाय वही कहलाएगी जो केवल कमेल्लीअ सिनेसिस (Camellia sinensis) पौधे से बनी हो. इसके अलावा किसी भी अन्य पौधे, फूल, जड़ी-बूटी या पत्तियों से बने पेय को चाय कहना गलत, भ्रामक और कानूनन अपराध माना जाएगा.

FSSAI को क्यों जारी करना पड़ा यह स्पष्टीकरण?

24 दिसंबर 2025 को जारी अपने आधिकारिक स्पष्टीकरण में FSSAI ने कहा कि उसके संज्ञान में आया है कि कई फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) ऐसे प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं, जो कमेल्लीअ सिनेसिस से नहीं बने, लेकिन उन्हें हर्बल टी, फ्लावर टी या नेचुरल टी कहकर बाजार में उतारा जा रहा है.

वेलनेस और हेल्थ ड्रिंक्स का बाजार तेजी से बढ़ा है और इसी के साथ टी शब्द का इस्तेमाल एक मार्केटिंग टूल बन गया है. इससे उपभोक्ता भ्रमित हो रहे हैं और उन्हें यह लग रहा है कि हर टी असली चाय ही है.

ये भी पढ़ें: सर्दियों का सुपरफूड है उबला हुआ सिंघाड़ा, फायदे ऐसे की हर रोज खाएंगे आप

कानून क्या कहता है चाय की परिभाषा को लेकर?

FSSAI ने साफ किया कि चाय की परिभाषा कोई नई नहीं है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स रेगुलेशंस के तहत यह पहले से तय है कि:

  • ब्लैक टी
  • ग्रीन टी
  • कांगड़ा टी
  • इंस्टेंट टी (ठोस रूप में)

इन सभी का स्रोत सिर्फ और सिर्फ कमेल्लीअ सिनेसिस पौधा होना चाहिए.

अगर कोई प्रोडक्ट इस पौधे से नहीं बना है, तो वह कानूनी रूप से चाय नहीं है, चाहे उसका स्वाद, रंग या तरीका कितना ही चाय जैसा क्यों न हो.

Latest and Breaking News on NDTV

हर्बल टी, फ्लावर टी और रूइबोस टी पर क्या असर पड़ेगा?

FSSAI के मुताबिक, हर्बल टी, फ्लावर टी, रूइबोस टी जैसे उत्पाद चाय की श्रेणी में नहीं आते,  इन्हें टी कहना मिसब्रांडिंग है. ऐसे प्रोडक्ट्स प्रोप्राइटरी फूड या नॉन-स्पेसिफाइड फूड नियम, 2017 के तहत आएंगे. मतलब साफ है अब ये प्रोडक्ट्स अपने नाम से चाय शब्द हटाए बिना नहीं बिक सकते.

पैकेजिंग और लेबलिंग को लेकर सख्ती

FSSAI ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (लेबलिंग एंड डिस्प्ले) रेगुलेशंस, 2020 का हवाला देते हुए कहा कि, हर पैकेट के सामने चीजों का सही और असली नाम साफतौर से लिखा होना चाहिए.

अगर पैकेट के अंदर चाय नहीं है, तो बाहर टी लिखना उपभोक्ता को गुमराह करना है.

ये भी पढ़ें: बिना तंदूर घर पर ऐसे बनाएं कड़क और खुशबूदार तंदूरी चाय, नोट करें रेसिपी

किन-किन पर लागू होगा यह नियम?

यह निर्देश सिर्फ चाय बनाने वाली कंपनियों तक सीमित नहीं है. FSSAI ने साफ किया है कि यह नियम लागू होगा:

  • निर्माता (Manufacturers)
  • विक्रेता (Sellers)
  • आयातक (Importers)
  • पैकर्स
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart आदि)

सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि कमेल्लीअ सिनेसिस से न बने किसी भी प्रोडक्ट पर चाय शब्द का इस्तेमाल न हो.

नियम तोड़ने पर क्या होगी कार्रवाई?

FSSAI ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत भारी जुर्माना, प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक, लाइसेंस रद्द, कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सेफ्टी अधिकारी इस आदेश के सख्त पालन की निगरानी करेंगे.

अब अगर आप कोई हर्बल ड्रिंक खरीदते हैं, तो वह अपने असली नाम से बिकेगी, न कि चाय के नाम पर. नाम नहीं, सच्चाई मायने रखती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com