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क्या आप भी चाय के साथ बिस्कुट खाना पसंद करते हैं तो हो जाएं सावधान! न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया इसे खाने के नुकसान

भारत में लोग बिस्किट और चाय मजे से खाते हैं. लेकिन क्या इसे रोज़ाना की आदत बना लेनी चाहिए? क्या आपको पता है कि ये आदत आपको नुकसान पहुंचा सकती है.

क्या आप भी चाय के साथ बिस्कुट खाना पसंद करते हैं तो हो जाएं सावधान! न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया इसे खाने के नुकसान
बिस्किट एक हेल्दी स्नैक नही है.

इमेजिन कीजिए: आप लंबे दिन के बाद भूखे घर आते हैं, लेकिन रात का खाना पूरी तरह से तैयार नहीं होता है. इसलिए, आप एक गर्म कप चाय बनाते हैं और अपने पसंदीदा बिस्कुट का पैकेट लेते हैं. फिर अपना मोबाइल चलाते हुए चाय पीते हैं तभी सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते समय, आप एक वीडियो पर रूक जाते हैं, जिसमें बिस्कुट के हेल्दी होने के मिथक को खारिज किया गया है. भारत में, चाय और बिस्कुट एक क्लासिक कॉम्बिनेशन है जिसका आनंद सभी उम्र के लोग लेते हैं. आज के समय में हर किसी के लिए कोई न कोई बिस्कुट मौजूद है। लेकिन, क्या उन्हें वास्तव में हेल्दी माना जाता है? आइए एक्सपर्ट से ही जानते हैं.

रिप्यूटेड न्यूट्रिशनिस्ट अमिता गद्रे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल (@amitagadre) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बिस्कुटों के हेल्दी होने के मिथक को खारिज किया गया है. उन्होंने इसके बजाय कुछ हेल्दी ऑप्शन भी शेयर किए हैं.

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यहां देखें पूरा वीडियो:

बिस्किट को सेहतमंद नहीं माना जाता

पोषण विशेषज्ञ अमिता गद्रे का कहना है कि बिस्किट, हालांकि चाय के साथ बड़े चाव से खाए जाते हैं, लेकिन वे उतने सेहतमंद नहीं हैं जितना लोग सोचते हैं. आइए जानते हैं क्यों:

1. खराब पोषण प्रोफ़ाइल

अधिकतर बिस्किट में फैट और रिफाइंड आटा ज्यादा होता है, जिसमें बहुत कम या बिल्कुल भी फाइबर नहीं होता. इसका मतलब है कि वे केवल "खाली कैलोरी" देते हैं, जिसका अर्थ है कि प्रोटीन, विटामिन या खनिजों जैसे अन्य पोषक तत्वों के साथ ऊर्जा कम होती है.

2. सभी बिस्किट एक जैसे नहीं होते

जीरो वसा, शुगर फ्री, मैदा फ्री या डायबिटीज के अनुकूल होने के दावों के बावजूद, ये विशेष बिस्किट अक्सर खाली कैलोरी के अलावा कुछ नहीं देते हैं.

कम पोषक तत्वों वाला भोजन हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है?

गद्रे के अनुसार, लगातार पर्याप्त पोषण की कमी वाले भोजन का सेवन करने का मतलब है अपने शरीर को पोषण देने से चूकना. वो ये भी बताती हैं कि रस्क, खारी, नानखटाई और जीरा बिस्कुट सहित अधिकांश बिस्कुट परिष्कृत गेहूं के आटे (मैदा) से बनाए जाते हैं, जिनमें फाइबर की कमी होती है. कम फाइबर का सेवन बच्चों और वयस्कों दोनों में कब्ज का कारण बन सकता है.

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Photo Credit: iStock

चाय के समय स्वस्थ विकल्प

चूँकि गद्रे चाय के समय नियमित रूप से बिस्कुट खाने की सलाह नहीं देती हैं, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि चाय के साथ क्या खाया जाए. अगर आपको भूख नहीं है, तो वह चाय के साथ कुछ भी न खाने का सुझाव देती हैं. हालाँकि, अगर आपको नाश्ते की ज़रूरत है, तो मखाना, कम तेल वाला चिवड़ा, मेथी थेपला, सब्ज़ी रोल या फल का एक टुकड़ा जैसे हेल्दी ऑप्शन को चुन सकते हैं. एक बात जो याद रखनी है कि चाय पीने के 15 मिनट बाद ही इन फूड आइटम्स का सेवन करना है, क्योंकि इनके एंटी-पोषक तत्व शरीर में आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं.

क्या आप कभी-कभार बिस्कुट खा सकते हैं?

न्यूट्रिशनिस्ट अमिता गद्रे कहती हैं कि आपको अपने जीवन से बिस्कुट को पूरी तरह से खत्म करने की ज़रूरत नहीं है. आप कभी-कभार क्रीम बिस्किट या अपने पसंदीदा बिस्किट खा सकते हैं. हालाँकि, वह इसे आदत न बनाने का सुझाव देती हैं, क्योंकि यह आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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