Bread Omelette Daily For Breakfast : हम में से कई लोगों के लिए, ब्रेड-ऑमलेट (Bread Omelette) सुबह का वो नाश्ता है जिस पर आँख बंद करके भरोसा किया जा सकता है. यह न सिर्फ़ जल्दी बन जाता है बल्कि पोषक तत्वों (Nutrition) के मामले में भी काफी दमदार है. ब्रेड का करारापन और अंडे का मखमली स्वाद, वाह! लेकिन क्या हो जब यह सीधा-सादा खाना आपकी रोज़ाना की आदत बन जाए? एक्सपर्ट्स कहते हैं, अगर इसे सही तरीके से बनाया जाए और इसकी मात्रा संतुलित हो, तो रोज़ नाश्ते में ब्रेड-ऑमलेट खाना (Bread Omelette daily) आपके शरीर के लिए पूरी तरह से सामान्य और हेल्दी है. चलिए जानते हैं अगर आप नाश्ते में रोज सुबह खाते हैं ब्रेड आमलेट, तो यह आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद और कितना नुकसानदायक है-
डॉ. दीप्ति खटूजा जो कि एक जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट हैं, कहती हैं कि सारा खेल इसके इंग्रेडिएंट्स (सामग्री) और सही मात्रा का है.
रोज़ाना नाश्ते में ब्रेड-ऑमलेट खाने के फ़ायदे | Nashte Me Rojana Bread Omelette Khane Ke Fayde
- भरपूर प्रोटीन: अंडे प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं, जो आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं. इससे आपको सुबह-सुबह जल्दी भूख नहीं लगती और क्रेविंग (खाने की इच्छा) कम होती है.
- ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म: अंडे में विटामिन B और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपके मेटाबॉलिज्म (चयापचय) और शारीरिक ऊर्जा के स्तर को सपोर्ट करते हैं.
- दिमाग के लिए अच्छा: अंडे में कोलीन होता है, जो दिमाग के बेहतर काम करने (Cognitive function) के लिए ज़रूरी है.
- वजन कंट्रोल में मदद: अगर आप साबुत गेहूँ की ब्रेड (Whole Wheat Bread) और कम तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपको वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है क्योंकि यह पेट भरने वाला और पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता है.
रोज़ाना नाश्ते में ब्रेड-ऑमलेट खाने के नुकसान | Nashte Me Rojana Bread Omelette Khane Ke Nuksan
- वजन बढ़ने का खतरा: अगर आप रोज़ाना सफेद ब्रेड (White Bread) का इस्तेमाल करते हैं और बहुत ज़्यादा तेल या मक्खन (Excess Oil/Butter) में ऑमलेट बनाते हैं, तो इससे कैलोरी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है और समय के साथ वजन बढ़ सकता है.
- ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव: सफेद ब्रेड में फाइबर कम होता है, जिससे यह जल्दी पच जाती है और आपके ब्लड शुगर (रक्त शर्करा) को तेज़ी से बढ़ा सकती है.
- फाइबर की कमी: अगर आप सिर्फ़ ब्रेड और ऑमलेट खाते हैं और उसमें सब्जियां शामिल नहीं करते, तो आपके शरीर में ज़रूरी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी हो सकती है.
ब्रेड-ऑमलेट को सबसे ज़्यादा हेल्दी कैसे बनाएं? | Omelette Kaise Banaen
- ब्रेड बदलें: हमेशा साबुत गेहूँ की ब्रेड (Whole Wheat Bread) या मल्टीग्रेन ब्रेड चुनें. सफेद ब्रेड से बचें.
- तेल कम करें: ऑमलेट बनाने के लिए कम तेल या हेल्दी तेल का इस्तेमाल करें.
- सब्जी मिलाएं: ऑमलेट में ढेर सारी सब्ज़ियां (जैसे प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च) डालकर फाइबर और पोषक तत्वों को बढ़ाएँ.
- घर का बना खाएं: बाहर के ऑमलेट से बचें, क्योंकि उनमें अक्सर सस्ते और ज़्यादा तेल का इस्तेमाल होता है.
ब्रेड का चुनाव है सबसे ज़रूरी!
डॉ. दीप्ति खटूजा, अंडा (Egg) तो असल में पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें प्रोटीन, विटामिन B, कोलीन और ज़रूरी अमीनो एसिड होते हैं. यह हमारी मांसपेशियों (Muscle building) को बनाने, मेटाबॉलिज्म (Metabolism) और दिमाग के काम करने की क्षमता को बेहतर बनाता है. लेकिन आपके ब्रेड-ऑमलेट की हेल्थ रेटिंग (Health Rating) इस बात पर टिकी है कि आप किस तरह की ब्रेड इस्तेमाल कर रहे हैं और आप ऑमलेट कैसे बनाते हैं.
आइये देखते हैं अलग-अलग तरह की ब्रेड से क्या फ़र्क पड़ता है:
- सफेद ब्रेड (White Bread): यह बहुत ज़्यादा रिफाइंड होती है, इसमें फाइबर कम होता है और यह जल्दी पच जाती है. इससे ब्लड शुगर (Blood Sugar) तेज़ी से बढ़ता है और आपको जल्दी भूख लग जाती है.
- ब्राउन ब्रेड (Brown Bread): अक्सर यह सिर्फ़ सफेद ब्रेड होती है जिसमें कलर मिलाया गया होता है. जब तक इसमें पहला इंग्रेडिएंट 'साबुत गेहूँ' (Whole Wheat) न लिखा हो, इसे हेल्दी न मानें.
- साबुत गेहूँ की ब्रेड (Whole Wheat Bread): इसमें फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स ज़्यादा होते हैं. यह पाचन को धीमा करती है, पेट को स्वस्थ रखती है और आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराती है. बाज़ार से यही ब्रेड खरीदें!
- मल्टीग्रेन ब्रेड (Multigrain Bread): यह तभी फ़ायदेमंद है जब यह भी साबुत अनाज (Whole Grain) से बनी हो. बाज़ार की कई मल्टीग्रेन ब्रेड सिर्फ़ रिफाइंड आटे की बनी होती हैं जिस पर कुछ बीज छिड़के होते हैं.
- एक्सपर्ट की सलाह: डायबिटीज़ (Diabetes) या दिल की बीमारी (Heart Disease) वाले लोगों को पर्सनल सलाह लेनी चाहिए, पर आमतौर पर वे भी सीमित मात्रा में अंडे खा सकते हैं.
ऑमलेट बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें!
न्यूट्रिशनिस्ट ज़्यादा तेल, मक्खन या सफेद ब्रेड के इस्तेमाल से मना करती हैं, क्योंकि ये न सिर्फ़ कैलोरी (Calories) बढ़ाते हैं बल्कि ब्लड शुगर को भी एकदम से बढ़ा देते हैं.
ऑमलेट को और हेल्दी कैसे बनाएं (Omelette Ko Kaise Banate Hain)

क्या ब्रेड ऑमलेट खाने से वजन बढ़ सकता है? (Kya Bread Omelette Khane se Vajan Badhta Hai)
न्यूट्रिशनिस्ट साफ करती हैं कि अंडे वजन कंट्रोल (Weight Control) में मददगार होते हैं क्योंकि उनमें उच्च-गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है. यह पेट को भरता है, ब्लड शुगर को स्थिर रखता है, और सुबह-सुबह होने वाली छोटी-मोटी भूख (Cravings) को कम करता है.
वजन बढ़ने का असली खेल यहाँ है:
सफेद ब्रेड + बहुत ज़्यादा तेल = ज़्यादा कैलोरी समय के साथ वजन बढ़ सकता है.
साबुत गेहूँ की ब्रेड + नियंत्रित तेल = बेहतर संतुष्टि, बेहतर इंसुलिन प्रतिक्रिया वजन कंट्रोल आसान.
अगर सही संतुलन (Balance) रखा जाए, तो ब्रेड ऑमलेट वास्तव में वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. सही मात्रा, कम तेल का उपयोग, और फाइबर (जैसे सब्ज़ियां या साइड में फल) को अपनी डाइट में शामिल करना ही इसकी असली चाबी है! ज़रूर, मैं बताता हूँ कि रोज़ाना नाश्ते में ब्रेड-ऑमलेट खाने से आपके शरीर पर क्या असर पड़ सकता है.
संक्षेप में कहें तो, यह पूरी तरह से हेल्दी हो सकता है, लेकिन इसका असर इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की ब्रेड और कितना तेल/मक्खन इस्तेमाल करते हैं.
अगर आप इसे संतुलित तरीके से (साबुत ब्रेड, कम तेल, और सब्ज़ियों के साथ) खाते हैं, तो यह रोज़ाना के लिए एक बेहतरीन और हेल्दी नाश्ता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं