Health Benefits Of Eating Soaked Raisins: किशमिश, सूखे मेवों की श्रेणी में शामिल है, जिसे अंगूरों को सुखाकर तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया में अंगूरों को लगभग तीन हफ्तों तक धूप में सुखाकर उसका मॉइस्चर निकाला जाता है. किशमिश को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. और जब भिगोकर किशमिश को खाया जाता है तो इसके फायदे और बढ़ जाते हैं. इसमें बहुत सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर में होने वाले वायरल व इन्फेक्शन को दूर करने में मददगार हैं. किशमिश शरीर को पोषण देने का काम करती है. भीगे हुए किशमिश में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. भिगोकर किशमिश खाने से इसकी तासीर ठंडी हो जाती है जो आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करती है. भिगे किशमिश को डायबिटीज में काफी फायदेमंद माना जाता है. आपको बता दें कि किशमिश को रात-भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से सेहत को कई गुना ज्यादा फायदा होता है. कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि किशमिश को पानी में भिगोकर ही खाना चाहिए. ऐसा करने से किशमिश में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और न्यूट्रिएंट्स की मात्रा बढ़ जाती है. तो चलिए आज हम आपको भिगे किशमिश खाने के फायदों के बारे में बताते हैं.
भिगोकर किशमिश खाने के फायदेः (Bhige Kismis Ke Fayde)
1. ब्लड प्रेशरः
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह सबसे अधिक फायदेमंद है भिगोकर किशमिश का सेवन. इसके सेवन से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो हाइपरटेंशन से बचाने में मदद कर सकता है.
2. डाइजेशनः
किशमिश का नियमित मात्रा मे सेवन करने से डाइजेशन की समस्या से राहत मिल सकती है. दरअसल भिगोकर किशमिश खाने से न सिर्फ पाचन बेहतर रहता है बल्कि पेट को भी साफ रखा जा सकता है.
3. इम्यूनिटीः
भिगे किशमिश को खाने से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मददगार हो सकते हैं.
4. वजनः
वजन घटाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए भिगे किशमिश फायदेमंद हो सकते हैं. भिगे किशमिश में विटामिन, एमिनो एसिड और सेलेनियम और फॉस्फोरस के तत्व पाए जाते हैं जो वजन को घटाने में मददगार हो सकते हैं.
5. हड्डियोंः
भिगे किशमिश में पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जो हड्डियों को कमजोर होने से बचाने में मदद कर सकता है. इतना ही नहीं इसके नियमित सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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