विज्ञापन
This Article is From Jun 10, 2016

'उड़ता पंजाब' पर अदालत ने निहलानी से कहा 'आपका काम प्रमाणित करना है, सेंसर करना नहीं'

'उड़ता पंजाब' पर अदालत ने निहलानी से कहा 'आपका काम प्रमाणित करना है, सेंसर करना नहीं'
पहलाज निहलानी (फाइल फोटो)
मुंबई: बॉम्बे हाइकोर्ट में 'उड़ता पंजाब' पर बहस पूरी हो गई है और उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को फैसला सुनाया जा सकता है। शुक्रवार को हाइकोर्ट में उड़ता पंजाब की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने कहा कि फिल्म में काफी अश्लील दृश्य, गानो में गंदे बोल और गालियां हैं। इस पर अदालत ने कहा कि भाषा किरदारों से तय होती है। किसी ट्रक ड्राइवर के किरदार की भाषा बहुत शालीन नहीं हो सकती।

'सेंसर जैसा शब्द नहीं..'
सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी से कहा कि उनका काम फिल्मों को प्रमाणित करना है, उनको सेंसर करना नहीं। गौरतलब है कि निहलानी ने उड़ता पंजाब में 89 कट की मांग की है जिसके बाद  फिल्म के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है। कोर्ट ने कहा कि 'कानून में सेंसर जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ है। आपका अधिकार फिल्म को जनता को दिखाए जाने से पहले उसे प्रमाणित करने का है।

इससे पहले गुरुवार की सुनवाई में कोर्ट ने सेंसर बोर्ड से नाराज़गी ज़ाहिर की थी और पूछा था कि पंजाब के साइन बोर्ड पर आपत्ति क्यों? जब फ़िल्म का नाम 'गो गोवा गॉन' हो सकता है तो 'उड़ता पंजाब' में क्या दिक्कत है? इसके बाद सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई थी। सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म के नाम से 'पंजाब' हटाने को कहा है जिसके ख़िलाफ़ फ़िल्म निर्माता ने बॉम्बे हाइकोर्ट में अर्ज़ी दी है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
उड़ता पंजाब, बॉम्बे हाई कोर्ट, अनुराग कश्यप, Udta Punjab, Bombay High Court, Anurag Kashyap