अनुराग कश्यप की फाइल तस्वीर
मुंबई:
अपनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' के पक्ष में हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी को हटाने तथा बोर्ड में आमूल-चूल सुधार करने की मांग की।
उन्होंने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'हमें श्रीमान निहलानी से बहुत समस्याएं हैं, लेकिन यदि वह जाएंगे तो कौन आएगा? क्या गारंटी है कि यदि कोई आएगा तो वह सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और कानून के साथ इस प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा, या इससे खराब या अच्छा होगा। प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। सिर्फ निहलानी को हटाने की जरूरत नहीं है, हम यही चाहते हैं।' अभिषेक चौबे निर्देशित 'उड़ता पंजाब' में कई बदलाव का सलाह देने वाले सेंसर बोर्ड के खिलाफ लड़ाई में अनुराग कश्यप मुख्य चेहरा थे।
'राजनीतिक विवाद का मुद्दा नहीं बनाना चाहता था'
सेंसर बोर्ड के खिलाफ फिल्म निर्माता बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए। अदालत ने फिल्म को सिर्फ एक बदलाव के साथ रिलीज करने की अनुमति दे दी है। अनुराग कश्यप ने कहा कि सेंसरशिप के खिलाफ लड़ते हुए वे लोग फिल्म को राजनीतिक विवाद का मुद्दा बनने से बचाने को लेकर बहुत सजग थे।
'इंडस्ट्री ने हमारे संघर्ष में साथ दिया'
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में हमेशा देखा गया है कि, ये मुद्दे खो जाते हैं, इसमें राजनीति हो जाती है और लोग बचाव में उतर आते हैं। फिर उसकी गुंजाइश खत्म हो जाती है। यह लड़ाई फिल्म के बारे में थी। मुझे लगता है कि यह सिर्फ संघर्ष था और इंडस्ट्री ने इसमें साथ दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, 'हमें श्रीमान निहलानी से बहुत समस्याएं हैं, लेकिन यदि वह जाएंगे तो कौन आएगा? क्या गारंटी है कि यदि कोई आएगा तो वह सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और कानून के साथ इस प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा, या इससे खराब या अच्छा होगा। प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। सिर्फ निहलानी को हटाने की जरूरत नहीं है, हम यही चाहते हैं।' अभिषेक चौबे निर्देशित 'उड़ता पंजाब' में कई बदलाव का सलाह देने वाले सेंसर बोर्ड के खिलाफ लड़ाई में अनुराग कश्यप मुख्य चेहरा थे।
'राजनीतिक विवाद का मुद्दा नहीं बनाना चाहता था'
सेंसर बोर्ड के खिलाफ फिल्म निर्माता बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए। अदालत ने फिल्म को सिर्फ एक बदलाव के साथ रिलीज करने की अनुमति दे दी है। अनुराग कश्यप ने कहा कि सेंसरशिप के खिलाफ लड़ते हुए वे लोग फिल्म को राजनीतिक विवाद का मुद्दा बनने से बचाने को लेकर बहुत सजग थे।
'इंडस्ट्री ने हमारे संघर्ष में साथ दिया'
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में हमेशा देखा गया है कि, ये मुद्दे खो जाते हैं, इसमें राजनीति हो जाती है और लोग बचाव में उतर आते हैं। फिर उसकी गुंजाइश खत्म हो जाती है। यह लड़ाई फिल्म के बारे में थी। मुझे लगता है कि यह सिर्फ संघर्ष था और इंडस्ट्री ने इसमें साथ दिया।
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