
'31 अक्टूबर' फिल्म के दृश्य से ली गई तस्वीर...
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों पर बनी एक फिल्म की रिलीज के खिलाफ दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका का मसौदा बहुत खराब तरीके से तैयार किया गया है और इस मामले में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से संपर्क नहीं किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि इस मुद्दे पर उन लोगों को पहले सीबीएफसी से संपर्क करना चाहिए.
पीठ ने कहा, इस रिट याचिका का मसौदा बहुत ही खराब तरीके से तैयार किया गया है. यह एक जनहित याचिका नहीं हो सकती. इसमें सीबीएससी को पक्षकार नहीं बनाया गया है. उचित दस्तावेज नहीं हैं और जरूरी पक्षों को प्रतिवादी नहीं बनाया गया है.
उसने साथ ही कहा, आप लोगों को पहले सीबीएफसी से संपर्क करना चाहिए. अधिक मेहनत के साथ प्रयास करने की जरूरत है. आप बेहतर रिट याचिका दायर कर सकते हैं. हम लोग इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने शुरू में कहा कि पीठ को इस मुद्दे की सुनवाई करनी चाहिए क्योंकि ‘31 अक्तूबर’ नामक फिल्म 7 अक्तूबर को रिलीज हो रही है लेकिन बाद में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली.
याचिकाकर्ता अजय कटारा ने दावा किया कि फिल्म के ट्रेलर, पोस्टर और बैनर से ऐसा लगता है कि यह फिल्म देश की सबसे पुरानी पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर, 1984 को हत्या कर दी गई थी.
याचिका में आरोप लगाया है कि सोहा अली खान और वीर दास की अहम भूमिकाओं वाली इस फिल्म के कई दृश्यों में देश की एक राजनीतिक हस्ती को निशाना बनाया गया है. हालांकि याचिका में उस व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि इस मुद्दे पर उन लोगों को पहले सीबीएफसी से संपर्क करना चाहिए.
पीठ ने कहा, इस रिट याचिका का मसौदा बहुत ही खराब तरीके से तैयार किया गया है. यह एक जनहित याचिका नहीं हो सकती. इसमें सीबीएससी को पक्षकार नहीं बनाया गया है. उचित दस्तावेज नहीं हैं और जरूरी पक्षों को प्रतिवादी नहीं बनाया गया है.
उसने साथ ही कहा, आप लोगों को पहले सीबीएफसी से संपर्क करना चाहिए. अधिक मेहनत के साथ प्रयास करने की जरूरत है. आप बेहतर रिट याचिका दायर कर सकते हैं. हम लोग इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने शुरू में कहा कि पीठ को इस मुद्दे की सुनवाई करनी चाहिए क्योंकि ‘31 अक्तूबर’ नामक फिल्म 7 अक्तूबर को रिलीज हो रही है लेकिन बाद में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली.
याचिकाकर्ता अजय कटारा ने दावा किया कि फिल्म के ट्रेलर, पोस्टर और बैनर से ऐसा लगता है कि यह फिल्म देश की सबसे पुरानी पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर, 1984 को हत्या कर दी गई थी.
याचिका में आरोप लगाया है कि सोहा अली खान और वीर दास की अहम भूमिकाओं वाली इस फिल्म के कई दृश्यों में देश की एक राजनीतिक हस्ती को निशाना बनाया गया है. हालांकि याचिका में उस व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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