
कंगना रनौट जल्द ही फिल्म 'सिमरन' में नजर आने वाली हैं.
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सैफ के ओपन लेटर के जवाब में कंगना ने भी लिखा लैटर
आईफा के मंच पर करण, सैफ और वरुण ने उड़ाया था कंगना का मजाक
कंगना बोलीं, नेपोटिज्म सिर्फ मेरा विषय नहीं है
आखिरकार कंगना रनौत ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कंगना ने कुछ ऐसा कह दिया है कि शनिवार को सुबह से ही कंगना रनौट सोशल मीडिया पर छा गईं. दरअसल सैफ अली खान के ओपन लेटर के जवाब में अब फिल्म 'रंगून' की उनकी को-स्टार कंगना ने अपना ओपन लेटर जारी किया है.
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सैफ को दिया कंगना ने जवाब: मिड-डे में प्रकाशित इस ओपन लेटर में कंगना रनौट ने सैफ अली खान की टिप्पणी पर कंगना ने अपने ओपन लेटर की शुरुआत में कहा, ' पिछले कुछ समय से नेपोटिज्म (भाईभतीजावाद) पर काफी बहस हो रही है पर यह स्वस्थ्य बहस है. जहां कुछ नजरिए इस बात पर मुझे काफी पसंद आए तो कुछ बातें सुन कर थोड़ी परेशान हूं. आज सुबह मेरी नींद एक ऐसे लेटर से खुली जो सुबह से इंटरनेट पर घूम रहा है, जिसे सैफ अली खान ने लिखा है.' कंगना ने लिखा, 'आखिर बार मैं तब परेशान हो गई थी जब मैंने करण जौहर का ब्लॉग इस विषय पर पढ़ा था.. और यहां तक की एक इंटरव्यू में फिल्म बिजनेस में रहने के लिए कई जरूरी चीजें बताई गईं. उसमें टैलेंट कहीं नहीं था.'

करण जौहर के शो 'कॉफी विद करण' में कंगना के साथ नजर आए थे सैफ.
'नेपोटिज्म' सिर्फ मेरा विषय नहीं: कंगना ने अपने इस लेटर में लिखा, 'सैफ अपने अपने ओपन लेटर में लिखा था कि 'मैंने कंगना से माफी मांग ली और अब मुझे किसी को कोई स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है.' लेकिन यह मेरे अकेले का विषय नहीं है. 'भाई-भतीजावाद' एक प्रैक्टिस है जहां लोग तार्किक सोच की जगह मानवीय भावनाओं के आधार काम करते हैं. कोई व्यापार जो मानवीय भावनाओं से चले, न कि मूल्यों पर, वह सतही लाभ पा सकता है लेकिन वह कभी भी वास्तविक तौर पर रचनात्मक नहीं हो सकता. वह 1.3 बिलियन लोगों के इस देश की क्षमता पर रोक लगा देता है.' कंगना ने अपने इस ओपन लेटर में विवेकानंद, आइंस्टाइन और शेक्सपीयर का उदाहरण भी दिया है.

फिल्म 'रंगून' में कंगना और सैफ साथ आ चुके हैं नजर.
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... तो मुझे किसान होना चाहिए था: बता दें कि सैफ अली खान ने एक दिन पहले लिखे अपने लेटर में स्टार किड्स के जेनेटिक्स की बात की थी. इस पर जवाब देते हुए कंगना ने कहा, 'मैंने अपने जीवन का एक हिस्सा जेनेटिक्स पढ़ते हुए निकाला है, लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि आपने हाइब्रिड रेस के घोड़ों की तुलना कलाकारों से कैसे कर सकते हो! क्या आप यह साबित करना चाह रहे हैं कि रचनात्मकता, परिश्रम, अनुभव, ध्यान, जोश, जानने की इच्छा, अनुशासन और प्यार जैसे गुण परिवार से जीन्स के माध्यम से मिल सकते हैं? अगर आपका पोइंट सही है, तो मुझे एक किसान होना चाहिए था.'
सैफ ने अपने लेटर में मीडिया को भी 'भाईभतीजावाद' का सबसे बड़ा प्रवर्तक बताया था. इससे कंगना ने सच से काफी दूर की बात कहा है. कंगना ने कहा, 'नेपोटिज्म दरअसल मानवीय व्यवहार की एक कमजोरी कहा है. इससे निपटने के लिए इच्छाशक्ति और ताकत की जरूरत होती है, जो कभी हम कर पाते हैं और कभी नहीं.'
सैफ ने की थी जेनेटिक्स की बात: हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बॉलीवुड में 'भाई-भतीजावाद' जैसे विषय पर 'आनुवांशिकी और युजनिक्स' की बात कर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का शिकार होने के बाद सैफ ने अपने ओपन लेटर में लोगों की भाषा की समझ पर ही सवाल उठा दिया है. सैफ ने अपने इस लेटर में कहा, ' मुझे माफ करें कि आप लोगों को 'युजनिक्स' शब्द 'भाई-भतीजावाद' के संदर्भ में अटपटा लगा. मुझे लगता है कि आपको अपना दिमाग एक्ट्रेस के कपड़ों से हटा कर किताबों में लगाना चाहिए, ताकि आपका भाषा ज्ञान ठीक हो जाए.'
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