'बबलू हैप्पी है' को डायरेक्ट किया है नीला माधब पांडा ने, जो इससे पहले काफी तारीफ बटोर चुकी 'आई एम कलाम' जैसी फिल्म बना चुके हैं। 'बबलू हैप्पी है' एक हल्की−फुल्की कॉमेडी के साथ संदेश देने वाली फिल्म है।
फिल्म में तीन दोस्त हैं, जिनमें से एक की शादी होने वाली है और पार्टी के दौरान एक लड़की से उसकी करीबी बढ़ती है, पर यह करीबी उस लड़के की जिंदगी बदल देती है। यहां तीन दोस्तों के किरदार में हैं, 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में नजर आ चुके साहिल आनंद, दूसरे हैं सुमित सूरी और तीसरे अमोल पराशर।
फिल्म में साहिल की मंगेतर के किरदार में हैं प्रीत कमल पर, फिल्म की हिरोइन शायद एरिका फर्नांडिस को कहना ठीक होगा। फिल्म में ये तीनों दोस्त एक शादी में शामिल होने मनाली जाते हैं और वहां इनके साथ कुछ ऐसा होता है, जिससे इनकी जिंदगी बदल जाती है।
फिल्म में थोड़ी और मेहनत की जरूरत थी, क्योंकि दो घंटे तक कहानी बनाने के लिए अलग−अलग तत्वों की जरूरत होती है। जो सीन्स दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए रखे जाते हैं, वे फिल्म की रफ्तार धीमी कर देते हैं। कुछ दृश्य फिल्म के संदेश को मजबूती से देने के लिए रखे गए, पर वे सीन्स न सिर्फ अपना असर छोड़ने में नाकामयाब होते हैं, बल्कि दर्शकों को झटका भी दे जाते हैं।
ऐसा फिल्म को एक कमर्शियल फिल्म बनाने के लिए किया गया या कहानी को फैलाने में दिक्कत थी, ये तो नहीं पता, पर यह जरूर है कि फिल्म आपको ज्यादा भटकने का मौका नहीं देगी। एक छोटी बजट की फिल्म को बनाने में कई मुश्किलें पेश आती हैं, पर नीला माधब पांडा की संदेश से भरी हुई इस फिल्म को बनाने की कोशिश ठीक रही।
साहिल और सुमित सूरी का अभिनय अच्छा है। वहीं एरिका भी इन दोनों का साथ अभिनय में अच्छे ढंग से निभाती हैं। फिल्म का टाइटल सॉन्ग 'आज तो बबलू हैप्पी है' पहले से ही सबकी ज़ुबां पर चढ़ चुका है। कुल मिलाकर 'बबलू हैप्पी है' एक ठीकठाक फिल्म है। फिल्म का संदेश अच्छा है, जिसे जरूर देखना चाहिए। मेरी ओर से इस फिल्म को ढाई स्टार्स...
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