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Coolie Review: स्क्रीन पर चला रजनीकांत का जादू, जानें कैसी है फिल्म कुली

Coolie Review: रजनीकांत ‘देवा’ का किरदार एक शांत, सम्मानित पुराना कुली है, जो अपने मित्र की संदिग्ध मौत की तह तक जाना चाहता है, जिसके चलते उसे एक बहुत बड़े माफिया से टकराना पड़ता है.

Coolie Review: स्क्रीन पर चला रजनीकांत का जादू, जानें कैसी है फिल्म कुली
Coolie Review: स्क्रीन पर चला रजनीकांत का जादू
नई दिल्ली:

निर्देशक – लोकेश कनगराज
कलाकार – रजनीकांत, नागार्जुन, श्रुति हासन, शौबिन शाहीर, पूजा हेगड़े (कैमियो), आमिर खान (कैमियो), महेश मांजरेकर, उपेंद्र
संगीत – अनिरुद्ध रविचंदर

Coolie Review: रजनीकांत ‘देवा' का किरदार एक शांत, सम्मानित पुराना कुली है, जो अपने मित्र की संदिग्ध मौत की तह तक जाना चाहता है, जिसके चलते उसे एक बहुत बड़े माफिया से टकराना पड़ता है. लेकिन देवा का भी एक अतीत है, जो धीरे-धीरे फिल्म के साथ-साथ सामने आता है. रजनीकांत की फिल्म रजनीकांत के फैन्स के साथ देखना एक अलग ही अनुभव होता है, जहां फिल्म खामियों और खूबियों से परे हो जाती है. हर दृश्य पर सीटियां, तालियां और उत्साह इतना होता है कि यह लगने ही नहीं देता कि फिल्म का कोई हिस्सा कमजोर है.

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बात करें फिल्म की शुरुआत की तो, जब तक रजनीकांत पर्दे पर नहीं आते, तब तक का समय उनके इंतजार में उत्सुकता के साथ निकल जाता है. और जब आते हैं, तो उसके कुछ देर बाद तक वक्त उनके बड़े पर्दे पर नजर आने के जश्न में बीत जाता है. उधर स्क्रीन पर रजनी नाचते हैं, तो इधर सिनेमाहॉल में उनके फैन. यही नजारा कुली में भी देखने को मिलता है. फिल्म देखते वक्त कहीं-कहीं यह महसूस होता है कि फिल्म थोड़ी लंबी है. चेजिंग और एक्शन सीक्वेंस थोड़े लंबे लगते हैं, लेकिन रजनी का जादू स्क्रीन को रोशन कर देता है और इन लंबे दृश्यों में भी वे अपने स्टाइल और हल्की-फुल्की कॉमेडी से दर्शकों को बांधे रखते हैं.

फिल्म में रुचि बनाए रखने के लिए और भी मसाले हैं, जैसे कई कलाकारों के कैमियो. कहीं गाने में आपको पूजा हेगड़े नज़र आ जाएंगी, तो फिल्म के क्लाइमेक्स में कन्नड़ सिनेमा के स्टार उपेंद्र और हिंदी फिल्मों से आमिर खान और महेश मांजरेकर. रजनीकांत के जवानी के कुछ सीन्स पर भी दर्शक सीटियाँ बजाते नज़र आते हैं, क्योंकि ये दृश्य उन्हें 80s और 90s के रजनीकांत की याद दिलाते हैं.

फिल्म के ट्विस्ट एंड टर्न का पूर्वाभास आपको नहीं हो पाता, जिसकी वजह से यह रोचक बनी रहती है. लोकेश कनगराज के निर्देशन और स्क्रिप्ट में डाले गए मोड़ों के कारण फिल्म दिलचस्प बनी रहती है. कहानी प्याज़ की तरह परत-दर-परत फ्लैशबैक के ज़रिए खुलती है, जिससे हर बार रोमांच पैदा होता है.

अभिनय की बात करें, तो रजनीकांत का प्रदर्शन शानदार है. नागार्जुन ने विलन के किरदार में रजनी को बराबर की टक्कर दी है. शौबिन शाहीर ने नेगेटिव रोल में दमदार अभिनय किया है. श्रुति हासन का काम अच्छा है, लेकिन अंत में आमिर खान को देखकर आप हंसते भी हैं और उनके किरदार से प्रभावित भी होते हैं. आमिर ने पहली बार इस तरह का किरदार निभाया है, फिर चाहे हम उनकी कॉस्ट्यूम की बात करें या उनके हावभाव और हुलिये की. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है. थीम सॉन्ग कुली पावर हाउस एक्शन सीक्वेंस में जमता है, साथ ही इसके लिरिक्स और गायकी भी कमाल की है. अंत में यही कहूंगा कि कुली स्टाइल, स्वैग और लेजेंड्स के जादू का जश्न है.

स्टार – 3.5

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