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This Article is From Apr 28, 2011

सेक्स के लिए फिल्म नहीं देखते हैं लोग : एकता

New Delhi: बॉलीवुड में 'लव, सेक्स और धोखा', 'रागिनी एमएमएस' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फिल्में बनाने वालीं फिल्म निर्माता एकता कपूर का मानना है कि दर्शकों में सिहरन पैदा करना उनका उद्देश्य नहीं है, क्योंकि भारतीय लोग सेक्स देखने के लिए सिनेमाघरों में नहीं जाते हैं। एकता कपूर ने कहा कि हमारी फिल्मों में प्यार पर आधारित कहानी दिखाई जाती है, न कि सेक्स दिखाया जाता है। एकता कहती हैं, मैं व्यक्तिगत तौर पर यह मानती हूं कि यदि आप सेक्स देखना चाहते हैं, तो आप उसे इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन नि:शुल्क में डाउनलोड कर सकते हैं। कोई व्यक्ति सिर्फ सेक्स देखने के लिए 50, 100 या फिर 200 रुपये क्यों खर्च करेगा। अपनी फिल्मों के बारे में बताते हुए एकता कहती हैं, हमारी फिल्मों में सेक्स नहीं होता है। इनमें से कोई फिल्म हम केवल सेक्स पर ही नहीं चलाते हैं। वे केवल सिहरन पैदा करने वाली होती हैं। जब मैं टीवी कार्यक्रम बनाती हूं, लोग उसे देखने में उत्सुकता दिखाते हैं। 2010 में एकता ने बालाजी टेलीफिल्म्स के तहत ही एएलटी इंटरटेनमेंट की शुरुआत युवा भारतीयों को टेलीविजन और फिल्मों से जोड़ने के लिए की थी। एकता ने दिबाकर बनर्जी की 'लव, सेक्स और धोखा' का निर्माण किया और महसूस किया कि इस तरह की कहानियों को भी लोग पसंद करते हैं। एकता ने अब 'रागिनी एमएमएस' नामक फिल्म तैयार की है। यह फिल्म एक ऐसे युवा दम्पति की कहानी है, जो अपनी छुट्टियां मनाने जाता है और उनके अंतरंग दृश्यों को कैमरों में कैद कर एक एमएमएस बना दिया जाता है। इसी तरह 'डर्टी पिक्चर्स' भी सेक्स आइकॉन सिल्क स्मिथा के जीवन पर आधारित है। एकता कहती हैं, मैंने बीच का रास्ता चुना है। मैं आपको आसानी से बता सकती हूं कि इन फिल्मों में ज्यादा सेक्स नहीं परोसा गया है। एकता हालांकि सहजता से इस बात को स्वीकार करती हैं कि 'रागिनी एमएमएस' जैसी फिल्में निश्चित तौर पर अपने अभिभावकों के साथ बैठकर नहीं देखी जा सकती।

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