इससे पहले संजय दत्त को मुंबई ब्लास्ट मामले में पांच साल की जेल की सजा हुई थी.
मुंबई:
फिल्म निर्माता शकील नूरानी द्वारा संजय दत्त के खिलाफ जारी किए गए आपराधिक मामले की सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर मुंबई की एक अदालत ने अभिनेता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. नूरानी ने संजय पर आरोप लगाया था कि एक फिल्म बीच में छोड़ने के बाद पैसे वापस नहीं करने पर जब उन्होंने कोर्ट का रुख किया तब संजय दत्त ने अंडरवर्ल्ड से फोन करवाकर उन्हें मामला वापस लेने के लिए धमकाया था. नूरानी के वकील नीरज गुप्ता ने बताया,‘‘हमने अदालत में पेश नहीं होने के कारण दत्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी. अदालत ने हमारी याचिका को स्वीकार कर ली.’’ मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.
नूरानी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दत्त ने साल 2002 में उनके निर्माण में बनने वाली फिल्म ‘जान की बाजी’ बीच में ही छोड़ दी थी. शिकायत के अनुसार संजय दत्त ने उनके द्वारा दिए गए पैसे भी वापस नहीं लौटाए. इस संबंध में नूरानी ने इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) से संपर्क किया, जिसने दत्त को रुपये लौटाने का निर्देश दिया. इसके बाद आईएमपीपीए के आदेश के क्रियान्वयन की मांग को लेकर उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था.
निर्माता ने आरोप लगाया कि इसी दौरान उनको अंडरवर्ल्ड से जुड़े कुछ लोगों के धमकी भरे फोन आने लगे, जिन्होंने उनसे मामला वापस लेने की मांग की. इससे पहले भी मामले को लेकर अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण दत्त के खिलाफ वारंट जारी किया गया था लेकिन तब उनको जमानत मिल गयी थी.
बताते चलें कि संजय दत्त 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के दौरान अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे, इसके लिए उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई थी. वह पिछले साल फरवरी में ही अपनी सजा पूरी कर जेल से बाहर आए हैं.
नूरानी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दत्त ने साल 2002 में उनके निर्माण में बनने वाली फिल्म ‘जान की बाजी’ बीच में ही छोड़ दी थी. शिकायत के अनुसार संजय दत्त ने उनके द्वारा दिए गए पैसे भी वापस नहीं लौटाए. इस संबंध में नूरानी ने इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) से संपर्क किया, जिसने दत्त को रुपये लौटाने का निर्देश दिया. इसके बाद आईएमपीपीए के आदेश के क्रियान्वयन की मांग को लेकर उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था.
निर्माता ने आरोप लगाया कि इसी दौरान उनको अंडरवर्ल्ड से जुड़े कुछ लोगों के धमकी भरे फोन आने लगे, जिन्होंने उनसे मामला वापस लेने की मांग की. इससे पहले भी मामले को लेकर अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण दत्त के खिलाफ वारंट जारी किया गया था लेकिन तब उनको जमानत मिल गयी थी.
बताते चलें कि संजय दत्त 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के दौरान अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे, इसके लिए उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई थी. वह पिछले साल फरवरी में ही अपनी सजा पूरी कर जेल से बाहर आए हैं.
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