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बीजेपी ने सीएम अखिलेश और उनके परिवार पर मढ़ा मथुरा हिंसा का दोष- दस खास बातें

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मथुरा:

मथुरा स्थित जवाहर बाग में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई गोलीबारी में दो पुलिस अधिकारियों सहित 24 लोगों की मौत के बाद लग रहे खुफिया नाकामी के आरोपों को सरकार और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने खारिज किया है। हालांकि यहां यह बात सबको पता थी कि अतिक्रमणकारी समूह हथियारों से पूरी तरह लैस है।

  1. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 'वह बड़ी चूक' दर्शाता है। रिजिजू ने कहा, 'राज्य सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए। हम इस घटना की निंदा करते हैं। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी... गृह मंत्री ने भी इसे लेकर चिंता व्यक्त की है।'
  2. पुलिस ने कहना है कि अतिक्रमणकारियों ने अवैध तरीके से करीब 1,000 एलपीजी सिलेंडर एकत्र कर रखे थे, जिससे उन्होंने धमाकों और आगजनी को अंजाम दिया। 11 लोगों की मौत इन धमाकों की वजह से ही हुई।
  3. उत्तर प्रदेश पुलिस बल के प्रमुख जावेद अहमद ने संवाददाताओं को बताया, 'हम यह तो पता था कि उनके पास हथियार हैं, लेकिन यह नहीं लगा था कि वह हम पर गोलिबारी करेंगे।'
  4. इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'यहां एक चूक हो गई। चूक यह हुई कि पुलिस पूरी तैयारी के बिना ही वहां चली गई। वहां काफी गंभीर खतरा था। कोई नहीं जानता था कि उन्होंने (अवैध रूप से कबजाये पार्क के) अंदर विस्फोटक छुपा रखे हैं।'
  5. तकरीबन 280 एकड़ में फैले जवाहर बाग़ के कई हिस्सों में उपद्रवियों ने आग लगा दी, हालांकि अब जवाहर बाग़ को ख़ाली करा लिया गया है। पार्क के अंदर से भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। इस मामले में 124 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि 366 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोषियों की तत्काल गिरफ़्तारी और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामले की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।
  6. वहीं विपक्ष ने राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि यादवों के प्रभुत्व वाले इस धड़े को मुख्यमंत्री के परिवार, खासकर राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव ने खुली छूट दे रखी थी।
  7. बीजेपी ने कहा, ' बीते कुछ वर्षों में उन्हें बढ़ने दिया गया, उन्हें राशन कार्ड बांटे गए। जिस राज्य में पुलिस सुरक्षित नहीं वहां आम जनता का क्या होगा। जब से सपा सरकार में आई है तब से पुलिस की हालत खराब हो गई है। सपा ने यूपी की छवि गुंडाराज की बना दी है। क्या अखिलेश यादव को घटना की नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।' वहीं सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि जांच में कहीं कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। राजनीतिक दलों को लाशों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
  8. दरअसल, खुद को धार्मिक संगठन बताने वाले एक समूह के सदस्यों ने दो साल से अधिक समय से पार्क पर कब्जा कर रखा था। अदालत से आदेश के बावजूद पुलिस उन्हें अभी तक यहां से निकालने में विफल रही थी।
  9. करीब दो साल पहले, बाबा जय गुरुदेव से अलग हुए समूह के कार्यकर्ताओं ने खुद को 'आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही' घोषित किया था और धरने की आड़ में जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया था।
  10. उनकी मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, मौजूदा करेन्सी की जगह 'आजाद हिंद फौज' करेन्सी शुरू करना, एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है।

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