नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आज मुंबई में एनडीटीवी के टाउनहॉल कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव और अन्य मुद्दों पर बात की. इस दौरान कांग्रेस नेता ने खुलकर अपनी बात को रखा. उन्होंने जी-23 समूह से लेकर गांधी परिवार तक पर अपने विचार को जनता के सामने रखने का प्रयास किया.
- शशि थरूर ने कहा कि गांधी परिवार ने स्पष्ट कर दिया है कि (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए) कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है. मैं भी मान रहा हूं कि कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है. लेकिन पार्टी में कुछ लोग मान रहे हैं कि कोई आधिकारिक उम्मीदवार है.
- मैं अपने पार्टी प्रमुख और गांधी परिवार की बात को मानूंगा. मुझे हमेशा उम्मीद थी कि कोई वरिष्ठ इस चुनाव में उम्मीदवार होंगे और वरिष्ठ नेता उनके लिए प्रचार करेंगे.
- यह उनके (मल्लिकार्जुन खड़गे) के नामांकन फॉर्म और वहां हस्ताक्षर और उनके अभियान के संकेत से स्पष्ट है. वह जहां भी जाते हैं, उनके आसपास दिग्गज नेता मौजूद होते हैं. लेकिन मैं जहां भी जा रहा हूं, वहां साधारण लोग हमारे साथ होते हैं.
- जी-23 (कांग्रेस में 23 नेताओं का समूह) जैसी कोई चीज नहीं है. मैंने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें बहुत विशिष्ट चीजें मांगी गई थीं. चिट्ठी की वो सारी बातें मेरे मेनिफेस्टो में हैं.
- हमारा सिद्धांत (मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ) अलग है कि पार्टी को चुनाव के लिए कैसे तैयार किया जाए. मेरा मानना है कि हमेशा की तरह काम नहीं चलेगा. तो यह यथास्थिति वादी सोच और परिवर्तन (परिवर्तन) के बीच की लड़ाई है.
- मैंने मछुआरे और आदिवासियों के समर्थन से एक निर्वाचन क्षेत्र में तीन लोकसभा चुनाव जीते हैं, इसलिए मुझे एलीट बताने वाली बात पर विराम लगनी चाहिए.
- मैं किसी तरह का अमीर आदमी नहीं हूं. मैं किसी अमीर परिवार से नहीं आता. मेरे पिता एक वेतनभोगी व्यक्ति थे. मुझे अभिजात्य कहना गलत है. शायद बुद्धिजीवी होना मेरा दोष है.
- सच तो यह है कि कांग्रेस पार्टी का डीएनए और नेहरू-गांधी परिवार का खून आपस में जुड़ा हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से पार्टी को गांधी परिवार से दूर करना मूर्खता होगी.
- मैं कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरा हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि हम हमेशा की तरह एक ही तरह से चल सकते हैं. हमें न केवल पार्टी के अंदर बदलाव की जरूरत है, बल्कि हमें इसे जनता के सामने प्रदर्शित करने की भी जरूरत है.
- मैं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनके [राहुल गांधी] साथ रहा हूं. और मैंने यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को राहुल गांधी का जयकारा लगाने के लिए सुबह छह बजे आते देखा है. यह हमारे लिए एक बड़ी ताकत बन सकती है.