नई दिल्ली:
विमाननिर्माता कंपनी एम्ब्रायर द्वारा भारत के साथ हुए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के एक सौदे में भ्रष्टाचार की बात कबूल करने के अगले ही दिन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि रक्षा आपूर्तिकर्ताओं को ब्लैकलिस्ट किए जाने का काम जल्दबाज़ी में नहीं किया जाएगा. रक्षामंत्री के अनुसार, किसी भी आपराधिक गतिविधि पर पाबंदी लगाई जाएगी, लेकिन पाबंदी का स्तर 'राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरतों पर आधारित होगा...'
मामले से जुड़े 10 ताजातरीन अपडेट...
- वाणिज्यिक जेट विमानों के दुनिया में तीसरे सबसे बड़े निर्माता एम्ब्रायर ने वर्ष 2008 में भारत से 20 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर में तीन निगरानी विमान बेचने का सौदा हासिल किया था.
- सोमवार को ब्राज़ीली कंपनी एम्ब्रायर ने अमेरिकी न्याय विभाग और ब्राज़ीली जांचकर्ताओं के साथ समझौता कर लिया, और अब वह 20 करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगी, ताकि भारत समेत चार देशों में जारी भ्रष्टाचार की जांच को निपटाया जा सके.
- NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना कुछ ही महीने बाद पहली बार एम्ब्रायर का हवाई चेतावनी सिस्टम तैनात करने वाली है - इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंजीनियरों तथा विज्ञानियों ने भारतीय हवाई चेतावनी रडारों तथा सेंसरों को एम्ब्रायर के फ्यूज़लेज के साथ जोड़ा है.
- एम्ब्रायर द्वारा दिए गए तीन विमान वायुसेना की 'आसमान में मौजूद आंखों' का काम करेंगे, और ये विमान दर्जनों हवाई खतरों को एक ही साथ पहचान पाने में सक्षम हैं. इन खतरों को पहचानने के आधार पर एम्ब्रायर प्लेटफॉर्म लड़ाकू विमानों को इन्हें रोकने में सक्षम बना सकता है. इन खतरों में पाकिस्तानी या चीनी विमान शामिल हो सकते हैं.
- अमेरिकी सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की शिकायत में एम्ब्रायर पर आरोप लगाया गया कि उसने विदेशी सौदों में आठ करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का मुनाफा कमाया, जिनमें एक करोड़ 17 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम रिश्वत तथा अन्य भुगतानों के ज़रिये आई, जिसे फर्ज़ी खाते बनाकर छिपाया गया.
- भारत में, एम्ब्रायर के खिलाफ हथियार विक्रेता विपिन खन्ना तथा दो अन्य विदेशी कंपनियों को 50 लाख अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के मामले की जांच सीबीआई कर रही है, ताकि भारतीय वायुसेना को तीन विमान बेचने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया जा सके.
- इस कथित रिश्वत को एम्ब्रायर के खातों तथा रिकॉर्ड में कन्सल्टिंग एग्रीमेंट के हिस्से के तौर पर दर्ज किया गया था, जो अमेरिकी जांच के मुताबिक कानूनी नहीं था.
- भारत के रक्षा सौदों के जुड़े नियमों के अनुसार किसी बिचौलिये को सौदा कराने के लिए भुगतान नहीं किया जा सकता, और अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो सरकार सौदे को रद्द कर सकती है. इस स्थिति में बोली लगाने वाले द्वारा सुरक्षा राशि के रूप में जमा कराई गई रकम जब्त कर ली जाती है.
- हालिया सालों में एम्ब्रायर में शीर्ष पदों पर काफी बदलाव हुए हैं, और थर्ड-पार्टी सेल्स प्रतिनिधियों के इस्तेमाल को रोक दिया है, जिससे जांच के दायरे में मौजूद केसों को लेकर शक पैदा हुआ.
- वर्ष 2014 के अंत में भारत ने रिश्वत के भुगतान के आधार पर ही इटालियन निर्माता ऑगस्टा-वेस्टलैंड से हुआ वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने का सौदा रद्द किया था.