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मेघालय खदान: 19 दिन से फंसे हैं मजदूर, नेवी के गोताखोर तह तक जाने में हुए कामयाब, 10 बड़ीं बातें

गोताखोरों का कहना है कि शाफ्ट के अंदर जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही खोजबीन सहज हो पाएगी.

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मजदूर पिछले 19 दिन से फंसे हुए हैं.
शिलांग:

भारतीय नौसेना के गोताखोर सोमवार को फिर से मेघालय की उस बाढ़ग्रस्त खदान में घुसे जहां 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं. नेवी के गोताखोर खदान की तह तक पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन उन्हें वहां फंसा हुआ कोई भी मजदूर नजर नहीं आया. गोताखोरों का कहना है कि शाफ्ट के अंदर जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही खोजबीन सहज हो पाएगी. अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने कहा कि अभियान के 18वें दिन नौसेना के गोताखोर उच्च तकनीकी उपकरण ‘अंडर वॉटर रिमोटली ऑपरेटिड व्हीकल’ (यूडब्ल्यूआरओवी) के साथ तीन घंटे तक शाफ्ट के अंदर रहे लेकिन इसमें दृश्यता एक फुट रही जो बहुत कम है.

10 बड़ीं बातें

  1. मेघालय (Meghalaya Mine) के पूर्वी जैंतिया पर्वतीय जिले में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में पास की नदी से पानी चले जाने के बाद से 13 दिसंबर से 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं.
  2. भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि खनन शाफ्ट के अंदर से पंपों की मदद से पानी निकालकर जलस्तर करीब 30 मीटर (98 फुट) तक या सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक कम किया जाए, उसी के बाद गोताखोरी शुरू की जाएगी.
  3. नौसेना का कहना है कि सभी ऐहतियाती उपाय किए जा रहे हैं ताकि सुनिश्चित हो कि गोताखोरों के लिए कोई संकट पैदा न हो जाए. 
  4. कई एजेंसियों के इस संयुक्त अभियान की शुरुआत रविवार को नौसेना के टीम लीडर लेफ्टिनेंट कमांडर संतोष खेतवाल ने की जो खोताखोरों को अंदर भेजने से पहले खुद खदान में पानी की सतह तक उतरे जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. 
  5. पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटिंगर ने बताया कि भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के छह गोताखोर खदान के भीतर गए और पानी की सतह से 80 फुट ऊपर की गहराई तक पहुंचे. वे दो घंटे तक खनिकों का पता लगाते रहे. 
  6. उन्होंने बताया कि नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक सतह से पानी की गहराई खदान के तल तक करीब 150 फुट के आस-पास है. 
  7. एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार जो की तलाश एवं बचाव अभियान में दो दलों की अगुवाई कर रहे हैं, ने बताया कि वह पानी में एक नाव उतारने में सक्षम रहे जो गोताखोरों को उनके उपकरण रखने में मददगार साबित होगा. 
  8. एनडीआरएफ के 100 विशेषज्ञों की टीम ने वहीं ढेरा डाला हुआ है, लेकिन उचित उपकरण न होने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है.
  9. एनजीटी ने इस इलाके में खनन पर लगा दी थी रोक. स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया था. 
  10. खदान में पास से बह रही नदी से पानी भर गया है, जिसकी वजह से खदान की तह तक जाने में दिक्कत हो रही है. (इनपुट- भाषा)

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