राज्य में जारी सियासी उथलपुथल के बीच उद्धव एक्शन मोड में आ गए हैं.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट गहराता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई उठापटक अब कोर्ट पहुंच गई है. दरअसल, विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किए जाने के बाद शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और पार्टी द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित करने वाली याचिका को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है. एकनाथ शिंदे द्वारा ये याचिका दायर की गई है. इसके साथ ही एक और याचिका दायर की गई है, जिसमें विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता और चीफ व्हिप की नियुक्तियों में बदलाव को चुनौती दी गई है.
- सियासी उठापटक के बीच शिंदे गुट की अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. शिंदे गुट की ओर से नीरज किशन कौल बहस कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने शिंदे गुट से पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए.
- सवाल का जवाब देते हुए कौल ने कहा कि हमारे पास 39 विधायक हैं और सरकार अल्पमत में है. हमें जान से मारने की धमकी दी जा रही है, हमारी संपत्ति जलाई जा रही है. बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के लिए माहौल नहीं है. हमें नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. इस मामले में डिप्टी स्पीकर बेवजह जल्दबाजी में हैं. उन्होंने आज शाम पांच बजे तक का समय दिया है. ये प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है. शिंदे गुट के वकील ने कहा कि नियम के मुताबिक 14 दिनों के का समय होता है नोटिस का जवाब देने के लिए. इसपर एससी ने कहा कि नोटिस के बारे में बताइए.
- सियासी संकट के बीच बागी एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के पूर्व विधायक सुभाष साबने का एक वीडियो ट्वीट किया है. वीडियो में साबने कह रहे हैं, " मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मैं उस बोका (बिल्ली) के साथ बैठूं क्या? लेकिन जिसने शिवसेना प्रमुख को जेल दिखाया उसके बगल में मंत्रिमंडल में आप बैठते हैं! वो चलता है. उसकी वजह से हम 12 विधायक एक साल निलंबित थे. सिर्फ और सिर्फ शिवसेना प्रमुख से प्रेम की खातिर. आज भी शिवसेना प्रमुख के प्रति आदर है. आज एकनाथ शिंदे जो मेरे भगवान हैं, उनकी बगावत को समर्थन देना है. शिवसैनिकों से मेरा निवेदन है कि वो एकनाथ शिंदे के साथ आएं तभी शिवसेना टिकेगी."
- टीम शिंदे द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह साढ़े दस बजे ही अवकाशकालीन पीठ और रजिस्ट्रार के सामने अर्जेंट सुनवाई के लिए मेंशन किए जाने की उम्मीद थी. इधर, सियासी महासंग्राम के बीच रविवार को टीम शिंदे और मजबूत हो गई. शिवसेना कोटा से मंत्री बनाए गए 9वें विधायक उदय सामंत भी बागी गुट में शामिल हो गए. रविवार को उन्होंने गुवाहाटी की फ्लाइट पकड़ी, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. उदय सामंत के बागी कैंप में शामिल होने के साथ ही महाराष्ट्र में सत्ता संग्राम और तेज होता दिखाई दे रहा है.
- इधर, राज्य में जारी सियासी उथलपुथल के बीच उद्धव एक्शन मोड में आ गए हैं. सूत्रों की मानें तो उन्होंने बागी विधायक जो मंत्री भी हैं के पोर्टफोलियो को छीनने का मन बना लिया है. अगर ऐसा हुआ तो बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे शिंदे, राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार और शंभूराजे देसाई की मंत्रीपद जा सकती है.
- फिलहाल महाराष्ट्र में जो सियासी समीकरण बन रहा है, उसमें एकनाथ शिंदे गुट के पास दो विकल्प हैं, या तो वे बीजेपी के साथ विलय कर लें या फिर प्रहार जनशक्ति पार्टी के साथ. ये पार्टी बच्चू कडू की है, जो पहले से ही बागी कैंप में शामिल हैं औऱ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. शिंदे गुट की लगातार इसको लेकर बैठकें हो रही हैं.
- शिवसेना नेता संजय राउत और आदित्य ठाकरे के आक्रामक बयानों के बीच केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा देने का फैसला किया है. महाराष्ट्र में इन बागी विधायकों के घरों औऱ कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. उनके परिवार को भी सुरक्षा प्रदान की गई है. वफादार शिवसैनिकों ने कुछ जगह तोड़फोड़ भी की है.
- महाराष्ट्र में शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा बागी विधायकों के कार्यालयों में तोड़फोड़ के मद्देनजर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की पर्याप्त व्यवस्था करने का आग्रह किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बागी विधायकों के कार्यालयों और घरों में तोड़फोड़ के दौरान पुलिस ‘‘मूक दर्शक'' बनी रही.
- महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना से मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने पार्टी नेता एकनाथ शिंदे से पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, हालांकि शिंदे ने तब बात को टाल दिया था. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने यह टिप्पणी शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की है.
- आदित्य ने शिंदे के विद्रोह के हवाले से कहा, “ 20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास)'वर्षा' बुलाया था और पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. हालांकि तब उन्होंने इस मुद्दे को टाल दिया था. लेकिन एक महीने बाद 20 जून को जो होना था वो हो गया.”