महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को शिवसेना (Shiv sena) भवन में पार्टी की जिला इकाई के प्रमुखों को वर्चुअली संबोधित किया. इसमें शिवसेना और राज्य सरकार के अस्तित्व के बारे में चल रही आशंकाओं को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से उनकी राय मांगी. इस संबोधन में उद्धव ठाकरे की पांच बड़ी बातें कहीं.
पहले भी पार्टी में विद्रोह होने के बावजूद शिवसेना दो बार सत्ता में आई. मैंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास ‘वर्षा' खाली कर दिया है, लेकिन अपना दृढ़ संकल्प नहीं छोड़ा. ठाकरे ने कहा कि पिछले ढाई साल में उन्होंने अपनी खराब सेहत के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से लड़ाई लड़ी, लेकिन विरोधियों ने इस स्थिति का फायदा उठाया.
जिला प्रमुखों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना और ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, "आप पेड़ के फूल फल और टहनी ले जा सकते हैं लेकिन जड़े नहीं तोड़ सकते.”आप कितनी दूर जा सकते हैं. इस बात से उन्होंने पार्टी से अलग हो रहे विधायकों को सख्त संदेश दिया.साथ ही बता दिया कि आप शिवसेना से अलग हो रहे हैं शिवसेना को आपके जाने से नुकसान नहीं होगा.
ठाकरे ने कहा "मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया. मैंने उन्हें वह विभाग दिया जो मेरे पास था. उनका अपना बेटा आज सांसद है लेकिन मेरे बेटे के बारे में टिप्पणियां की जा रही हैं. मेरे खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं."
मेरे गर्दन से लेकर पांव तक दर्द हो रहा था. शरीर सही से काम नहीं कर पा रहा था, तब कुछ लोगों को लगा यह यह ठीक मौका है. लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है कि मैं पावर गेम में नहीं हूं." हम लड़ाई को मजबूती से लडेंगे.
जो लोग हमें छोड़कर चले गए हैं वे पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं...लेकिन मैं इसके लिए बुरा क्यों मानूं जो हमको छोड़कर चले ही गए हैं?"