किसानों का मोर्चा आजाद मैदान पहुंच चुका है. इस महामोर्चा में 50 हजार किसान शामिल हैं. इन किसानों ने आज महाराष्ट्र विधानसभा का ऐलान किया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मच गई है. मोर्चे के मुंबई पहुंचते ही कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पदयात्रा का समर्थन भी किया. सत्ता में बैठी शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने किसानों को संबोधित किया. आपको बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के किसान मोर्चे अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. हाथों में लाल झंडा थामे ये किसान ऑल इंडिया किसान सभा समेत तमाम संगठनों से जुड़े हैं. इस मार्च में किसानों के साथ खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं. इनकी प्रमुख मांगों में कर्ज़माफी ले लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना शामिल है. किसानों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज़ माफी का वादा अब तक पूरा नहीं किया है.
10 बड़ी बातें
- किसानों का ये मोर्चा मुंबई के आज़ाद मैदान पहुंच चुका है. दरअसल आज 10वीं क्लास के छात्रों की परीक्षा है, इन छात्रों को कोई दिक्कत न हो इसलिए देर रात ही सोमैया मैदान से ये मोर्चा आज़ाद मैदान के लिए निकल गया था. सभी किसान आज आज़ाद मैदान में रुकेंगे, जबकि उनका एक प्रतिनिधिमंडल सरकार के सामने अपनी मांगों को रखेगा. अगर सरकार ने इनकी मांगें नहीं मानी तो ये लोग महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करेंगे.
- किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने भी अपनी तरफ से कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत करने भेजा जिन्होंने किसानों को अश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है. महाजन ने कहा, 'सोमवार को माननीय मुख्यमंत्री के साथ इनकी चर्चा होने वाली है. इनके जो सभी कार्यकारणी सदस्य हैं, इनके प्रमुख हैं, वो जाकर माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और मुझे लगता है इसमें से पॉजिटिव हल निकालने वाले है.'
- सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक कर किसानों के मांगों पर चर्चा की और लगभग हर मांग को मानने की बात भी कही. लेकिन किसान नेताओं के अनुसार सरकार किसानों से बात कर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही है.
- ऑल इंडिया किसान सभा के सदस्य डॉ. आर रामकुमार कहते हैं, 'सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनकी नीतियां गलत हैं जिसकी वजह से किसान संकट में हैं और दूसरी बात लोग इनसे जुड़के नाम बनाना चाहते हैं जो हम देख रहे हैं.'
- रविवार को किसान सायन के सोमैया ग्राउंड में रुके हैं. राज्य में बीजेपी को छोड़ लगभग दूसरी सभी पार्टियों ने किसानों के रैली का समर्थन किया है, लेकिन अब देखना यह है कि आज जब यह किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास पहुंचते हैं तब इन पार्टियों का क्या रवैया रहता है.
- किसानों के विशाल मार्च और विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मुंबई में दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं को सोमवार को परीक्षा केंद्रों पर जल्द पहुंचने की सलाह दी है.
- तावड़े ने ट्वीट किया है कि किसानों के विशाल मार्च के मद्देनजर एसएससी के विद्यार्थियों को सलाह है कि वे कल की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर समय पर पहुंच जाएं.
- वहीं स्वराज अभियान और जन किसान आंदोलन के योगेन्द्र यादव कहते हैं कि किसान ऐसा कुछ नहीं मांग रहे जिसका वादा फडणवीस सरकार ने नहीं किया है. किसानों की कर्ज़ माफी, उनकी फसल का उचित न्यूनतम दाम और दलित समुदाय के लोगों को दी गई ज़मीन के पट्टे देना तो महाराष्ट्र सरकार का वादा है.
- गौरतलब है कि किसानों का विरोध अलग-अलग राज्यों में बार बार दिख रहा है. पंजाब के बरनाला में किसानों का विरोध हो या हरियाणा विधानसभा का घेराव या फिर तमिलनाडु से दिल्ली आकर जंतर-मंतर पर किसानों का विरोध.
- खेतीबाड़ी के जानकार और कृषि के मुद्दों पर लिख रहे देविन्दर शर्मा कहते हैं कि आज किसान विद्रोह जैसे हालात बने हुये हैं. शर्मा के मुताबिक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है.