प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने गूगल (Google) को 30 दिनों के भीतर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है. प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के मामले में प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों में शामिल होने पर यह जुर्माना लगाया गया.
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर अपनी अहम स्थिति का फायदा उठाने पर गूगल पर 1,337.76 करोड़ का जुर्माना लगाया. सीसीआई ने गूगल से फोन निर्माताओं पर वह प्रतिबंध हटाने के लिए कहा था, जिसके तहत एंड्रॉयड फोन निर्माताओं को गूगल ऐप्स को पहले से इंस्टॉल करना आवश्यक था.
- गूगल पर सभी एंड्रॉयड उपकरणों पर अपने सर्च एंजिन को डिफ़ॉल्ट के रूप में आगे बढ़ाने का भी आरोप लगाया गया था.
- गूगल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) में जुर्माने को चुनौती दी. एनसीएलएटी सीसीआई द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ एक अपीलीय प्राधिकरण है.
- गूगल ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीसीआई द्वारा उसके खिलाफ की गई जांच "गलत" थी. उसने तर्क दिया था कि जिन दो शिकायतकर्ताओं की शिकायत के आधार पर फेयर ट्रेड रेगुलेटर ने जांच शुरू की थी, वे उसी कार्यालय में काम कर रहे थे जो तकनीकी प्रमुख की जांच कर रहा था.
- ट्रिब्यूनल के फैसले में गूगल को जुर्माना भरने और सीसीआई द्वारा सूचीबद्ध किए गए परिवर्तनों को लागू करने का निर्देश दिया गया है.
- पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद गूगल ने भारत में एंड्रॉयड में व्यापक बदलाव किए. इसमें डिवाइस निर्माताओं को प्री-इंस्टॉलेशन के लिए अलग-अलग ऐप को लाइसेंस देने की इजाजत देना और उपयोगकर्ताओं को अपना डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन चुनने का विकल्प देना शामिल था.
- गूगल ने यूजर्स को गूगल मैप्स, जीमेल और यूट्यूब जैसे प्री-इंस्टॉल ऐप्स को हटाने की अनुमति नहीं दी है.
- गूगल भारत में एंड्रॉइड को लेकर आए निर्णय को लेकर चिंतित है. ऑपरेटिंग सिस्टम के खिलाफ यूरोपीय आयोग के 2018 के लैंडमार्क फैसले में दिए गए निर्देशों की तुलना में यहां निर्देशों को अधिक व्यापक के रूप में देखा गया.
- गूगल ने कहा है कि "किसी अन्य क्षेत्राधिकार ने कभी भी इस तरह के दूरगामी बदलाव के लिए नहीं कहा." उसने बार-बार तर्क दिया कि इस निर्णय के कारण भारत में एंड्रॉयड के इको सिस्टम का विकास ठप हो जाएगा.
- काउंटरपॉइंट रिसर्च का अनुमान है कि भारत में 600 मिलियन स्मार्टफोन में से लगभग 97 फीसदी एंड्रॉइड पर चलते हैं, जबकि यूरोप में 550 मिलियन स्मार्टफोन में से 75 फीसदी स्मार्टफोन इस सिस्टम के हैं.