कैसे दिल्ली बनेगा 'झीलों का शहर'? जानिए, जल बोर्ड की बैठक में डिप्टी CM ने क्या-क्या कहा - 5 बातें

शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में जल बोर्ड की बैठक हुई. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में कई अहम फैसले लिए गए. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी की अनाधिकृत कालोनियों में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी.

कैसे दिल्ली बनेगा 'झीलों का शहर'? जानिए, जल बोर्ड की बैठक में डिप्टी CM ने क्या-क्या कहा - 5 बातें

जल बोर्ड की बैठक में बोले डिप्टी CM मनीष सिसोदिया.

नई दिल्ली: शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में जल बोर्ड की बैठक हुई. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में कई अहम फैसले लिए गए. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी की अनाधिकृत कालोनियों में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी. साथ ही उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा पानी को रिसाइकिल व रियूज करने के निर्देश दिए. बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली के 6 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने के लिए 1367.5 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, राजधानी की 39 अनधिकृत कॉलोनियों समेत 4 गांव में सीवर लाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे करीब 3 लाख लोगों को लाभ मिलेगा.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. दिल्ली में कोंडली एसटीपी, कोरोनेशन एसटीपी, रोहिणी एसटीपी, पप्पन कलां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नरेला एसटीपी, निलोठी एसटीपी समेत कुल 6 एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा. इसे अपग्रेड करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 1367.5 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे. वर्तमान में इन एसटीपी की कुल क्षमता 160 एमजीडी है, जोकि अपग्रेड होने के बाद बढ़कर 205 एमजीडी हो जाएगी. इसके अलावा  पानी को बेहतर ट्रीट करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी.

  2. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इन वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को उपचारित किया जाएगा, जिससे यमुना साफ होगी. इन एसटीपी में टीएसएस-10 मिलीग्राम प्रति लीटर के अपशिष्ट प्रवाह मानकों के साथ नवीनतम तकनीक से बनाया जाएगा, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस हटाने के साथ-साथ कीट भी मारे जा सकेंगे. वहीं, पप्पनकलां एसटीपी की क्षमता 20 एमडीजी से 30  एमडीजी तक बढ़ाई जाएगी. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ट्रीट हो रहे पानी को यहां मौजूद झील में छोड़ा जाएगा.

  3. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी है. दिल्ली में 299 जलाशय और 9 झीलों को विकसित किया जा रहा है. इनमें कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है. झीलों व जलाशयों के पुनर्जीवित होने से राजधानी की बायोडायवर्सिटी में भी सुधार होगा और साथ ही आसपास के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा. एक तय भूजल स्तर पर उस पानी का इस्तेमाल पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए भी कर पाएगा. दिल्‍ली की सभी झीलों व जलाशयों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ताकि इनके सुंदरीकरण के साथ ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सके.  इसके अलावा महरौली एसटीपी से ट्रीटेड पानी को डीएलएफ छतरपुर, सतबारी और राधे मोहन ड्राइव फार्म हाउस में सप्लाई किया जाएगा, ताकि बोरवेल से पानी निकलने की नौबत न आए.

  4. ओखला एसटीपी से यमुना नदी तक पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन बिछाई जाएगी. इसके साथ ही ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने के लिए ओखला एसटीपी के पास छोटी-छोटी झीलें विकसित की जाएगी, ताकि पानी को एसटीपी से झीलों में छोड़ा जाएगा. अतिरिक्त ट्रीटेड पानी को यमुना में  कनेक्टिंग लाइन  के जरिए छोड़ा जाएगा. इसके अलावा ओखला एसटीपी से एनटीसीपी ईकोपार्क बदरपूर तक भी ट्रीटेड पानी पहुंचाया जाएगा. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने विभिन्न सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स में आधुनिक तकनीक के जरिए पानी को ट्रीट करने की पहल की है. इस अनोखी तकनीक की मदद से वर्तमान में ओखला एसटीपी में सीवर के पानी को भी बेहतर तरीके से ट्रीट किया जा रहा है. यही वजह है कि एसटीपी में पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. सीवेज वॉटर को ट्रीट करके सरकार सिविल कार्य और भारी मशीनरी खरीदने के लिए उपयोग की जाने वाली लागत को कम कर पाएगी.

  5. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पानी व सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है. लोग टैक्स देते हैं, इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनका हक है. केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है.