
मध्य प्रदेश की सत्ता में बीजेपी 14 सालों से काबिज है. इस साल के आखिरी में होने वाले चुनाव में बीजेपी को उम्मीद है कि उसकी कुर्सी बनी रहेगी. लेकिन कुछ दिन पहले हुये एक सर्वे में 50 से ज्यादा सीटों में उसकी हालत खराब है. सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर इस बार बीजेपी नये उम्मीदवार उतार सकती है. लेकिन इन सब के बीच राज्य में सत्ता पाने की कोशिश कर रही है कांग्रेस भी मुख्य मुद्दों पर जोर देने के बजाए 'धर्म की राजनीति' की ओर जाते दिखाई दे रही है. ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव में हुई हार से वह उबर नहीं पा रही है. जिसमें एक वजह उसकी तुष्टिकरण की नीति का आरोप भी है जिसका जिक्र एंटनी समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी किया है. सवाल ये है कि क्या बीजेपी के हिंदुत्व के आगे कांग्रेस का नरम हिंदुत्व कारगर साबित हो पायेगा?
कांग्रेस का 'नरम हिंदुत्व', 12 बड़ी बातें
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पिछले 14 साल से अधिक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिये कांग्रेस नरम हिन्दुत्व 'सॉफ्ट हिन्दुत्व' का राग आलापते दिख रही है.
चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मई से उज्जैन जिले के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता की दलील है, ‘‘सिंधिया धार्मिक व्यक्ति हैं. प्रदेश में 14 साल से अधिक समय तक सत्ता में रही भाजपा को सत्ता से उखाड़ने के लिये देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए वह प्रदेश के कई मंदिरों में जाने वाले हैं.’’
हाल ही में नियुक्त प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही साफ संदेश दे दिया है कि वह नरम हिन्दुत्व के रास्ते पर आगे बढ़ने वाले हैं.
छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ दफा सांसद रहे नाथ ने प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन भोपाल में प्रसिद्ध गुफा मंदिर, उसके बाद उसी दिन उज्जैन जिले में महाकाल मंदिर और फिर शाम को दतिया जिले में सिद्ध देवी मंदिर पीताम्बरा पीठ में पूजा अर्चना की.
महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद नाथ ने संवाददाताओं से कहा कि नंवबर माह में प्रस्तावित प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कुल 230 विधानसभा सीटों में से 150 से अधिक सीटों पर विजय हासिल करेगी.
एक कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार करेगी. मतलब साफ कांग्रेस अध्यक्ष यहां भी मंदिरों में माथा टेकने जरूर जाएंगे.
राहुल गांधी चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत प्रसिद्ध महाकाल मंदिर या पीताम्बरा पीठ के देवी मंदिर से करने की उम्मीद है.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एक और मुख्य क्षत्रप दिग्विजय सिंह (71) पहले ही 3,300 किलोमीटर की लम्बी नर्मदा परिक्रमा पैदल पूरी कर चुके हैं.
नर्मदा के दोनों किनारों पर लगभग छह माह चली उनकी यह यात्रा पिछले महीने ही खत्म हुई है. यात्रा के समापन पर नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर एक विशाल भंडारा किया गया.
इस समागम में ‘जय संत दिग्विजय’ के नारों ने भी लोगों को आचंभित कर दिया क्योंकि अल्पसंख्यकों को समर्थन करने के पूर्व अनुभवों के कारण दिग्विजय को मुस्लिम समर्थक नेता माना जाता है.
कांग्रेस की इस रणनीति पर प्रदेश भाजपा के महामंत्री वीडी शर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं का मंदिरों में जाना, विशेषकर दिग्वियज जी की नर्मदा यात्रा मात्र एक पाखंड है.