Election 2022: सातों सीटों पर हो रहे उपचुनाव के मतों की गिनती छह नवंबर को होगी.
नई दिल्ली:
बिहार की मोकामा और गोपालगंज, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ, हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनूगोड़े, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व) और ओडिशा की धामनगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. इन सातों सीटों में से भाजपा के पास तीन, कांग्रेस के पास दो और शिवसेना और राजद के पास एक-एक सीट थी. बिहार की दो सीटों-मोकामा और गोपालगंज पर राजद और भाजपा में कड़े मुकाबले की संभावना है. मोकामा सीट पर पहले राजद का और गोपालगंज पर भाजपा का कब्जा था. भाजपा पहली बार मोकामा सीट से चुनाव लड़ रही ह. पहले वह इस सीट को अपने सहयोगियों के लिए छोड़ती रही है. भाजपा और राजद दोनों ने ही इस सीट पर बाहुबलियों की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है.
- मोकामा में भाजपा ने सोनम देवी को मैदान में उतारा है, जो एक स्थानीय बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं और अनंत सिंह का विरोध करती रही हैं. वहीं, राजद ने इस सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया है. ललन सिंह को गैंगस्टर से नेता बने सूरज भान सिंह का करीबी माना जाता है, जिन्होंने वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था, जो राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार में मंत्री थे.
- मोकामा में उपचुनाव राजद विधायक अनंत कुमार सिंह को अयोग्य ठहराए जाने के कारण कराया जा रहा है. बाहुबली से नेता बने अनंत सिंह ने मोकामा सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के टिकट पर तीन बार, एक बार निर्दलीय और 2020 में राजद उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी.
- गोपालगंज सीट पर उपचुनाव भाजपा के चार बार के विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण कराया जा रहा है. इस सीट से पार्टी ने सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है. गोपालगंज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का पैतृक जिला है. राजद ने वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहन प्रकाश गुप्ता को भाजपा के जातिगत समीकरणों को बिगाड़ने के लिए टिकट दिया है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लालू प्रसाद यादव के साले साधू यादव की पत्नी इंदिरा यादव को उम्मीदवार बनाया है.
- हरियाणा की आदमपुर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव करवाया जा रहा है. कुलदीप ने इस साल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. बिश्नोई के बेटे भव्य इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं. यह सीट 1968 से भजनलाल परिवार के पास रही है और दिवंगत मुख्यमंत्री ने नौ बार, उनकी पत्नी जस्मा देवी ने एक बार एवं कुलदीप ने चार बार इसका प्रतिनिधित्व किया है.
- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के दिल का दौरा पड़ने से हुए निधन की वजह से खाली हुई थी. बसपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं. लिहाजा अब यहां भाजपा उम्मीदवार एवं दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि और इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके सपा प्रत्याशी विनय तिवारी के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है.
- महाराष्ट्र में मुंबई के अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार के पिछले महीने मैदान से हटने के बाद महज औपचारिकता भर है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े की उम्मीदवार ऋतुजा लटके के अब आराम से जीत दर्ज करने की उम्मीद है. उनके खिलाफ छह उम्मीदवार हैं, जिनमें से चार निर्दलीय हैं. एनसीपी और कांग्रेस ने लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है. मई में ऋतुजा लटके के पति एवं शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन की वजह से यह सीट खाली हुई थी.
- तेलंगाना की मुनूगोड़े सीट पर भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने आक्रामक तरीके से प्रचार किया है. यह सीट कांग्रेस विधायक द्वारा त्यागपत्र देने से खाली हुई थी और अब वह भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनाव मैदान में हैं. इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार मैदान में है, लेकिन मुख्य मुकाबला राजगोपाल रेड्डी, टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पी श्रवंती के बीच दिखने की उम्मीद है.
- टीआरएस ने हाल ही में पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया है, जिसका उद्देश्य खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करना है. इस चुनाव में हार मिलने की स्थिति में उसकी राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने की योजना को झटका लगेगा.
- ओडिशा की धामनगर सीट पर बीजद ने अबांती दास को उम्मीदवार बनाया है जो के पांच उम्मीदवारों में एकमात्र महिला हैं. इस सीट पर भाजपा विधायक चरण सेठी के निधन के बाद उपचुनाव अनिवार्य हो गया था. भाजपा ने इस सीट से सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को मैदान में उतारा है.
- इन उपुचनाव के नतीजों से विधानसभाओं में राजनीतिक दलों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में नहीं लिया है और आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया है. मतों की गिनती छह नवंबर को होगी.