विज्ञापन
This Article is From Sep 19, 2023

भगवान गणेश का शरीर मनुष्य का और सिर हाथी का क्यों है?

Lord Ganesh Facts : आज इस आर्टिकल में हम आपको भगवान गणेश से जुड़ी खास बात के बारे में ही बताने जा रहे हैं. 

भगवान गणेश का शरीर मनुष्य का और सिर हाथी का क्यों है?
जब आप एकाग्रचित होकर अपने अंदर की यात्रा में उतरते हैं तभी जाकर आप इस  शक्ति को पहचान पाते हैं.

Ganesh Chaturthi facts : गणेश उत्सव का आगाज धूम-धाम के साथ आज हो गया है. ज्यादातर लोग इस दिन गणेश प्रतिमा घर ले आते हैं और पूरे 10 दिन तक विधि-विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद अनंत चतुर्दशी को ढोल-नगाड़े के साथ विसर्जित कर देते हैं. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है इसलिए मान्यता है कि इनकी पूजा करने से सारे कष्ट बप्पा भक्तों के दूर कर देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भगवान गणेश का शरीर मनुष्य का और सिर हाथी का क्यों है? आज इस आर्टिकल में हम आपको भगवान गणेश से जुड़ी इस खास बात के बारे में ही बताने जा रहे हैं. 

भगवान गणेश का सिर हाथी का क्यों है

हाल ही में सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने अपने एक भाषण के दौरान कहा कि कभी आपने सोचा भगवान गणेश का शरीर मनुष्य का है और सिर हाथी का क्यों है और उनका सिर काटा क्यों गया?  सवारी चूहे की क्यों है. इन सबके अलावा अगर हाथी का सिर है तो उनको एकदन्त क्यों कहा गया. हाथी के तो दो दांत होते हैं. वहीं, अगर एक ही दांत रहना था तो मूर्ति में दो दांत क्यों. एक दांत टूटा हुआ क्यों है. वहीं, जब आप वास्तविक मूर्ति देखते हैं तो उसमें टूटा हुआ दांत एक हाथ में पकड़ रखा है गणपति ने. तो आपको बता दें कि हमारे हिन्दू धर्म में कोई भी चीज बिना कारण के नहीं है बिना तर्क के नहीं है. 

आगे डॉ त्रिवेदी कहते हैं कि भगवान गणेश ऋद्धि और सिद्धि के देवता हैं. यानी की संपूर्ण सिद्धियां गणपति की आराधना से प्राप्त होती हैं. वहीं, गणेश जी पुत्र किसके हैं शिव पार्वती के. शिव ने ही सारे आगम ग्रंथ दिए हैं. यानी जिसको आप कहते हैं न आपकी चेतना के जागरण के सारे स्वरूप भगवान शिव ने दिए हैं.तो अब आते हैं और आपको बताते हैं कि गणपति के सारे जो स्वरूप हैं, इनका अर्थ और तात्पर्य क्या है.

भगवान गणेश का स्वरूप हमारे अंदर जो वास्तविक चैतन्य ऊर्जा होती है उसके उत्थान की प्रक्रिया प्रतीक रूप में दिखा रहा है. सबसे पहले सिर कटना क्यों जरूरी है. आप अंदर की यात्रा करके अपनी कुंडलिनी शक्ति को तब जागृत कर सकते हैं जब आप आपने अहंकार को नष्ट करने में सफल होते है. तो सिर कटने का प्रतीक यही है. 

दूसरा हाथी का सिर ही क्यों? तो बता दें हाथी की जो सूंड है जागृत शक्ति आपके शरीर की कुंडलिनी की शक्ति जब वो अर्घ्य की तरफ होती है, उसका प्रतीक है. और हाथी इसलिए है क्योंकि इसके मस्तिष्क में गजमुक्ता है. 

वहीं, सवारी चूहे की क्यों है तो आपको बता दें कि चूहा जमीन के अंदर जाकर अपना बिल बनाता है. जब आप एकाग्रचित होकर अपने अंदर की यात्रा में उतरते हैं तभी जाकर आप इस शक्ति को पहचान पाते हैं. और उस शक्ति को ऊपर उठाने का सामर्थ्य पाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com