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This Article is From Jan 20, 2024

Ramnami : पूरे शरीर पर 'राम' नाम गुदवाते हैं इस संप्रदाय के लोग, शरीर ही है इनका मंदिर

Ramnami Samaj: देश में जहां हर ओर जय श्री राम सुनाई दे रहा है, वहां एक कहानी ऐसे समाज की जो मंदिर तो नहीं जाता पर पूरे शरीर पर राम नाम का गोदना करवाता है.

Ramnami : पूरे शरीर पर 'राम' नाम गुदवाते हैं इस संप्रदाय के लोग, शरीर ही है इनका मंदिर
छत्तीसगढ़ के सबसे गरीब व पिछड़े इलाकों में से एक है जमगाहन गांव.

Ramnami Samaj: अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उत्सव के बीच पूरे देश में राम नाम की लहर है. जय श्री राम के नारों की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है. पूरा देश राममय हो चुका है. सबकी नजरें 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर टिकी हैं. ऐसे में कहानी एक ऐसे समाज की, जो एक सदी से अधिक समय से राम नाम को शरीर पर धारण किए घूमता है. हम बात करने वाले हैं रामनामी समाज की.

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छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज के बारे में शायद ही आपने सुना हो. पर ये समाज करीब सौ सालों से भी ज्यादा समय से अनोखी परंपरा निभा रहा है. इस समाज के लोग अपने पूरे शरीर पर राम नाम का गोदना यानी टैटू बनवाते हैं. इनका पूरा शरीर राममय है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ये लोग ना तो मंदिर जाते हैं और न ही मूर्ति पूजा करने में विश्वास रखते हैं.

रामनामी समाज की कहानी - Ramnami community story

जितना अनोखा रामनामी समाज है, उतनी ही दिलचस्प इस समाज की कहानी भी है. समाज के लोग मंदिर इसलिए नहीं जाते हैं क्योंकि सौ साल पहले उनके पूर्वजों को मंदिर में जाने से ऊंची जाति के कुछ लोगों ने रोक दिया था. बस फिर क्या था, समाज के हर व्यक्ति ने विरोध स्वरूप चेहरे समेत पूरे शरीर पर गोदना करवा लिया वो भी राम नाम का.

कैसा होता है रामनामी समाज - How is Ramnami society?

समाज में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को गोदना कराया जाता है. जो गोदना करवाते हैं वे रोज राम नाम लेते हैं. इनके घरों की दीवारों पर भी राम नाम लिखा होता है. राम-राम ही इनकी बोलचाल का पहला शब्द है.

रामनामी समाज कहां रहता है - Where does Ramnami community live?

छत्तीसगढ़ के सबसे गरीब व पिछड़े इलाकों में से एक है जमगाहन गांव. इस गांव में इस समाज के कुछ लोग रहते हैं. इन लोगों के पूरे शरीर में गोदना देखा जा सकता है. जगमाहन गांव के पास है गोरबा गांव. यहां भी इस समाज के लोग रहते हैं. खास बात ये है कि इस समाज के लोग चाहे कहीं भी रह रहे हों, आज भी अपनी परंपरा को निभा रहे हैं. इनमें से कुछ के गोदना तो धुंधले तक हो चुके हैं पर वे अपने पूर्वजों की कहानियां खूब सुनाते हैं.

क्या कहते हैं युवा - thoughts of young generation on Ramnami tattoo

रामनामी समाज के लोग कई गांवों में बसे हैं. हालांकि, समय के साथ युवाओं में टैटू बनवाने का चलन कुछ कम हुआ है. कारण है कि युवा अब यहां से निकलकर शहरों की ओर काम की तलाश में जाने लगे हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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