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जनवरी की इस तारीख को रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानिए यहां तिथि और पूजा मुहूर्त

Significance of sakat chaturthi : मान्यता है इनकी विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल सकट चतुर्थी की तारीख और पूजा मुहूर्त क्या है.

जनवरी की इस तारीख को रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानिए यहां तिथि और पूजा मुहूर्त
सकट चतुर्थी का व्रत सभी कष्टों को दूर करता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है.

Sakat chauth 2025 : हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चतुर्थी व्रत रखा जाता है. हिन्दू धर्म में सकट चतुर्थी महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. इस दिन सुख-समृद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है इनकी विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल सकट चतुर्थी की तारीख और पूजा मुहूर्त क्या है.

सकट चतुर्थी कब है 2025 -When is Sakat Chaturthi in 2025

सकट चतुर्थी का मुहूर्त 17 जनवरी 2025 को सुबह 4:07 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 18 जनवरी को सुबह 5:30 मिनट पर समाप्त होगा. उदयातिथि पड़ने के कारण सकट चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी को रखा जाएगा. 

सकट चौथ पूजन शुभ चौघड़िया मुहूर्त - Sakat Chauth Chaughadiya Muhurat 2025

लाभ - उन्नति : सुबह 08:34 से 09:53 तक

अमृत - सर्वोत्तम: सुबह 09:53 से 11:12 तक

शुभ - उत्तम: दोपहर 12:31 से 01:51 तक

सकट चतुर्थी महत्व - Sakat Chaturthi significance

सकट चतुर्थी का व्रत सभी कष्टों को दूर करता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है. इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गुड़, मूंगफली और गन्ने का भोग अर्पित किया जाता है. 

सकट चतुर्थी पूजा विधि - Puja vidhi on Sakat Chaturthi

इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लीजिए. 
इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं.
फिर भगवान गणेश को तिल, गुड़, गन्ना और लड्डू का भोग लगाइए.
इसके बाद भगवान गणेश की कथा का पाठ करिए.
वहीं, रात में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें. 

सकट चौथ का नियम - rules of sakat chauth

इस शुभ दिन पर तिल और गुड़ का विशेष महत्व होता है तो ये चीजें भगवान गणेश को जरूर अर्पित करें. वहीं, इस दिन दान पुण्य करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को फलाहार पर रहना चाहिए.  

सकट चतुर्थी मंत्र 2025

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गण

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 

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