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This Article is From Dec 27, 2022

Paush Purnima 2023: कब है पौष महीने की पूर्णिमा, जानें तिथि, मुहूर्त और स्नान-दान का महत्व

Paush Purnima 2023: पौष माह की पूर्णिमा स्नान-दान के लिए खास होती है. नए साल में पौष माह की पूर्णिमा कब है और इसका क्या महत्व है, इसके बारे में जानते हैं.

Paush Purnima 2023: कब है पौष महीने की पूर्णिमा, जानें तिथि, मुहूर्त और स्नान-दान का महत्व
Paush Purnima 2023: पौष मास की पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को है.

Paush Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी पौष का महीना चल रहा है. यह महीना स्नान-दान जैसे धार्मिक कार्यों के लिए बेहद पवित्र होता है. यही वजह है कि लोग इस महीने में एक महीने तक के लिए किसी पवित्र नदी के किनारे वास करते हैं. इस दौरान रोजाना सुबह उठकर गंगा स्नान करते हैं. इसके बाद वहां मौजूद जरुरतमंदों के बीच दान भी करते हैं. आगामी 01 जनवरी से अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नया साल शुरू हो जाएगा. इसी महीने की 06 तारीख को पौष माह की पूर्णिमा है. इस पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि इस पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व है. आइए जानते हैं कि नए साल में पौष माह की पूर्णिमा कब है और इस दिन स्नान-दान का क्या खास महत्व है.

पौष पूर्णिमा 2023 मुहूर्त | Paush Purnima 2023 Muhurat

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 6 जनवरी 2023, शुक्रवार प्रात: 2 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रही है. अगले दिन यानी 7 जनवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर पौष पूर्णिमा का समापन होगा. मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर होती है. आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. साथ ही साथ मानसिक शांति भी मिलती है. 

पौष पूर्णिमा महत्व | Paush Purnima Significance

धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर काशी, प्रयाग के त्रिवेणी संगम पर स्नान और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि पौष माह की पूर्णिमा स्नान से पूरे माह की पूजा-पाठ के समान पुण्य मिलता है, व्यक्ति के पाप कर्म धुल जाते हैं और वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. पौष पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्य को और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान हैं. ऐसा करने पर जीवन में अपार सफलता मिलती है. इस दिन चावल, गुड़, तिल, चीनी का दान करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है. इस दिन शाकंभरी जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन माँ आदिशक्ति जगदम्बा ने शाकंभरी देवी के रूप में अवतार लिया था. इन्हें वनस्पति की देवी माना जाता है.

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पौष पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय

1- पौष पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सुबह और शाम के समय देवी लक्ष्मी की आराधना जरूर करें. पूजा में देवी लक्ष्मी को कमल का फूल, कमलगट्टे, मिठाई और खीर का भोग लगाकर महालक्ष्मी स्तुति का पाठ करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपका घर धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं. 

2- पौष पूर्णिमा की रात को चंद्रमा के दर्शन करने और मां लक्ष्मी पूजा के बाद रात को 11 कौड़ियां लेकर उसे लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दें. पूर्णिमा का रात इस उपाय से धन-दौलत और मान सम्मान में वृद्धि होगी.

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3- पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. मान्यता है कि इसके पाठ करने से देवी लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है.

4- पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के समक्ष घी का अखंड दीपक जलाएं. इस दिन दीपदान करना शुभ माना गया है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों, मंदिरों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप प्रज्वलित करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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