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वट सावित्री पूजा समाप्त होने के बाद पत्नियां क्यों करती हैं पति को पंखा, इसके पीछे क्या है धार्मिक महत्व

इस दिन महिलाएं कलावा बरगद के पेड़ में बांधकर परिक्रमा करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. यह पूजा समाप्त होने के बाद पति को बांस के पंखे से हवा करती हैं, जिसका इस व्रत में खास महत्व है. 

वट सावित्री पूजा समाप्त होने के बाद पत्नियां क्यों करती हैं पति को पंखा, इसके पीछे क्या है धार्मिक महत्व
बांस के पंखे का महत्व पौराणिक कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी हुई है.

vat savitri puja 2025 : आज वट सावित्री पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं. यह पर्व सावित्री और सत्यवान की कथा से जुड़ा हुआ है. वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं. इस दिन व्रती स्त्रियां बांस की टोकरी में गुड, भीगे हुए चने, मीठे गुलगुले, कुमकुम, रोली, अक्षत, मौली, फल, पान, सुपारी, धूप बाती और हाथ में जल का लोटा लेकर वट वृक्ष के पास जाती हैं. साथ ही महिलाएं कलावा बरगद के पेड़ में बांधकर परिक्रमा करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. साथ ही पूजा समाप्त होने के बाद व्रती महिलाएं पति को बांस के पंखे से हवा करती हैं, जिसका इस व्रत में खास महत्व है. आइए जानते हैं बांस के पंखे का इस व्रत से क्या संबंध है...

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वट सावित्री पूजा समाप्त होने के बाद क्यों करते हैं पति को पंखा

पूजा के दौरान महिलाएं बांस के पंखे से पहले वट वृक्ष को पंखा झलती हैं फिर पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्यवती का वरदान मांगती हैं. इसके बाद घर पहुंचकर पति के पैर धोकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं और पति को पंखा करती हैं. इस दिन बांस का पंखा दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है. 

बांस के पंखे का महत्व पौराणिक कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी हुई है, जिसके अनुसार जब सत्यवान जंगल में लकड़ियां काटते समय मूर्छित होकर गिर पड़े थे.तब सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे उन्हें लिटाया था और सत्यवान को शीतलता देने के लिए सावित्री ने बांस के पंखे से हवा दी थी. इसलिए सुहागिन महिलाएं बांस का पंखा पूजा में चढ़ाती हैं और पति को पंखा झलती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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