Vastu Shastra: ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु (Rahu Ketu) अशुभ ग्रह माना जाता है. कुंडली में इनकी खराब स्थिति से जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं. वास्तु शास्त्र में हर दिशा का अपना महत्व होता है. वास्तु के अनुसार, घर में एक खास दिशा में राहु-केतु का वास होता है. उस दिशा में कुछ चीजों को रखने से बचना जरूरी है ताकि राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचा जा सके. आइए जानते हैं किस दिशा (Direction) में होता है राहु केतु का वास और वहां क्या-क्या सावधानी बरतनी जरूरी है से संबंधित वास्तु टिप्स.
राहु केतु की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण पश्चिम दिशा को 'नैऋत्य दिशा' कहते हैं और इसी दिशा में राहु और केतु का राज होता है. इस दिशा में कोई भी चीज को रखते हुए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
भूल कर भी न रखें ये चीजेंघर की नैऋत्य दिशा में तिजोरी नहीं रखनी चाहिए. इस दिशा में तिजोरी रखने से धन संपति का नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस दिशा में कीमती चीजें जैसे सोना-चांदी या आभूषण रखना भी अशुभ माना गया है.
मंदिर रखने से बचेंघर का सबसे पवित्र स्थान मंदिर होता है. घर में कभी भी मंदिर को राहु-केतु की दिशा (Rahu Ketu Direction) अर्थात दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए और न ही इस दिशा में पूजा घर बनवाना चाहिए.
तुलसी का पौधा न रखेंहर हिंदू घर में तुलसी की पूजा की जाती है. तुलसी के पौधे को भी राहु और केतु की दिशा में नहीं रखना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का प्रवाह कम हो सकता है.
इस दिशा में न बनवाएं ये चीजेंवास्तु के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में बच्चों के पढ़ाई के लिए स्टडी रूम नहीं बनवाना चाहिए और न ही पढ़ाई से संबंधित चीजें वहां रखनी चाहिए. इससे बच्चों की एकाग्रता पर बुरा असर पड़ता है.
टॉयलेट बनवाने से बचेंराहु और केतु की दिशा में टॉयलेट बनवाना भी नुकसान का कारण बन सकता है. इससे घर के सदस्यों की सेहत पर बुरा असर पड़ने का खतरा होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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