आज लगने वाला सूर्य ग्रहण है अनोखा, जानें क्यों नहीं दिखेगा 2046 तक फ‍िर

Solar Eclipse 2023: आज लगने वाला सूर्य ग्रहण खुद में एक अनोखा ग्रहण है. ऐसा ग्रहण अगले 20 साल तक नजर नहीं आएगा. आइए जानते हैं कि इसमें ऐसा क्या है खास.

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण है अनोखा, जानें क्यों नहीं दिखेगा 2046 तक फ‍िर

Ring of Fire: आज लगने वाला सूर्य ग्रहण आखिर क्यों है खास, जानें

खास बातें

  • आज लगने वाला है 2023 का आखरी सूर्य ग्रहण.
  • काफी कुछ है इस ग्रहण में खास.
  • जानें भारत में नजर आएगा या नहीं.

Solar Eclipse 2023 Details: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 20 अप्रैल 2023 को लगा था. अब साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज, 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है. इस ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. मतलब ये ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ये सूर्य ग्रहण खुद में बहुत अनोखा है. धार्मिक मान्यताएं ये मानती है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) बढ़ने लगती है. वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा ग्रहण दोबारा 2046 तक नजर नहीं आने वाला है. आइए जानते है कि इस सूर्य ग्रहण में ऐसी क्या खास बात है.

Surya Grahan 2023 : आज इस समय लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, यहां जानिए किस समय से होगा शुरू

अक्टूबर 2023 सूर्य ग्रहण (October 2023 Solar Eclipse)

इस महीने पितृपक्ष के अंतिम दिन, यानि 14 अक्टूबर 2023 को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने वाला है. इस दिन अमावस्या की तिथि भी है. 2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा. ये ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका (America) में नजर आएगा. भारतीय समयानुसार, सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को रात 8:34 बजे शुरू होकर देर रात 2:25 बजे खत्म होगा. क्योंकि ये भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा. विज्ञान सूर्य और चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना मानता है, लेकिन हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ घटना मानी जाती है.

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इस ग्रहण में क्या है खास?

14 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण को कई मायनों में खास बताया जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. ये एक वलयाकार (Annular) रूप का ग्रहण होगा. ये देखने में किसी आग के गोले जैसा नजर आएगा, इसलिए इसे रिंग ऑफ फायर (Ring Of Fire) नाम दिया गया है. नासा (NASA) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये ग्रहण सिर्फ अमेरिकी देशों में नजर आएगा. ऐसा संयोग 2012 के बाद अब बनने जा रहा है और आगे 2046 तक दोबारा नहीं बनेगा. 

क्या होता है रिंग ऑफ फायर

चक्राकार या वलयाकार सूर्यग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहते हैं. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है तब इस प्रकार का ग्रहण लगता है. क्योंकि चंद्रमा सूर्य के मुकाबले आकार में छोटा होता है इसलिए वह सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता और सूर्य पर एक काली डिस्‍क की तरह दिखता है. 

                                                                                                                      (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)