क्या आप किसी के बांए और दाएं हाथ से काम करने पर उसके बारे में कुछ चीजें जान सकते हैं. जी हां एक हालिया स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि किसी के बाएं हाथ से काम करने पर उसकी भगवान के प्रति आस्था को मापा जा सकता है. इसीलिए अगली बार जब आप बाएं हाथ से काम करने वाले किसी व्यक्ति से मिलेंगे तो आपको उनके व्यक्तित्व के बारे थोड़ा अंदाजा हो सकता है. इस नई स्टडी के मुताबिक बाएं हाथ से काम करने वाले व्यक्तियों के नास्तिक होने की संभावना अधिक होती है.
स्टडी में पता चला है कि धार्मिक लोगों के आनुवंशिक क्रमों में कम बदलाव होते हैं. फिनलैंड में औलू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राग् औद्योगिक काल (प्री-इंडस्ट्रियल टाइम्स) में धार्मिकता आनुवंशिक खूबियों के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होती थी क्योंकि यह वृहद स्थायित्व, मानसिक स्वास्थ्य और बेहतर सामाजिक व्यवहार से जुड़ी होती हैं.
भगवान में विश्वास ना रखने का संबंध आनुवंशिक उत्परिवर्तन से है जिससे बाएं हाथ से काम करने या ऑटिज्म जैसी प्रवृत्ति देखी जाती है. यह शोध जर्नल इवोल्यूशनरी साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुआ है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, आधुनिक धार्मिक लोग उन लोगों से कम धार्मिक पाए गए जो प्राग् औद्योगिक काल में भगवान में अत्यधिक विश्वास रखते थे. ‘द टेलीग्राफ’ की खबर के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने उन लोगों की पहचान की जो या तो बाएं हाथ से काम करने वाले थे या उन्हें ऑटिज्म या स्चीज़ोफ्रेनिया था. उन्होंने इस बात का अध्ययन किया कि ये लोग अधिक धार्मिक हैं या कम. जिसमें पता चला कि बांए हाथ से काम करने वाले लोग भगवान के प्रति आस्था कम रखते हैं.
स्टडी में पता चला है कि धार्मिक लोगों के आनुवंशिक क्रमों में कम बदलाव होते हैं. फिनलैंड में औलू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राग् औद्योगिक काल (प्री-इंडस्ट्रियल टाइम्स) में धार्मिकता आनुवंशिक खूबियों के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होती थी क्योंकि यह वृहद स्थायित्व, मानसिक स्वास्थ्य और बेहतर सामाजिक व्यवहार से जुड़ी होती हैं.
भगवान में विश्वास ना रखने का संबंध आनुवंशिक उत्परिवर्तन से है जिससे बाएं हाथ से काम करने या ऑटिज्म जैसी प्रवृत्ति देखी जाती है. यह शोध जर्नल इवोल्यूशनरी साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुआ है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, आधुनिक धार्मिक लोग उन लोगों से कम धार्मिक पाए गए जो प्राग् औद्योगिक काल में भगवान में अत्यधिक विश्वास रखते थे. ‘द टेलीग्राफ’ की खबर के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने उन लोगों की पहचान की जो या तो बाएं हाथ से काम करने वाले थे या उन्हें ऑटिज्म या स्चीज़ोफ्रेनिया था. उन्होंने इस बात का अध्ययन किया कि ये लोग अधिक धार्मिक हैं या कम. जिसमें पता चला कि बांए हाथ से काम करने वाले लोग भगवान के प्रति आस्था कम रखते हैं.
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