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शिवलिंग के 7 स्थान कौन से हैं जहां चंदन लगाने से भोलेनाथ होते हैं प्रसन्न! जानिए यहां

Chandan on shivling : इस माह में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व होता है. सावन के सोमवार के दिन विधि-विधान से पूजा करना और उनको धतुरा,बेलपत्र, दूध, शहद, दही आदि चीजें चढ़ाने और शिवलिंग पर 7 जगह चंदन लगाने से भगावन शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

शिवलिंग के 7 स्थान कौन से हैं जहां चंदन लगाने से भोलेनाथ होते हैं प्रसन्न! जानिए यहां
भगवान शिव का परिवार हमें अपने परिवार के साथ सम्मिलित और संगठित होकर रहने की सीख देता है.

Shivling puja niyam : कहा जाता है भगवान शिव भोले हैं, उन्हें मनाना बहुत आसान है. खासतौर से सावन के महीने में. क्योंकि मान्यता है श्रावण मास में भोलेनाथ धरती पर निवास करते हैं. इसलिए शिव भक्त उनकी मन भाव से पूजा अर्चना करते हैं. ताकि भगवान महादेव प्रसन्न होकर उनपर अपना कृपा बरसाएं. इस माह में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व होता है. सावन के सोमवार के दिन विधि-विधान से पूजा करना और उनको धतुरा,बेलपत्र, दूध, शहद, दही आदि चीजें चढ़ाने और शिवलिंग पर 7 जगह चंदन लगाने से भगावन शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य अरविंद मिश्र से शिवलिंग के वो सात स्थान जहां लगाया जाता है शिव जी को चंदन.

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शिवलिंग पर कहां-कहां चंदन लगाएं

अरविंद मिश्र बताते हैं कि शिवलिंग पर सात स्थानों पर चंदन लगाने की प्रथा है, जो भगवान शिव के परिवार के विभिन्न सदस्यों को समर्पित है. ये स्थान हैं: शिवलिंग, जलाधारी, गणेश जी का स्थान, कार्तिकेय जी का स्थान, अशोक सुंदरी का स्थान, और नंदी के दोनों सींग. 

यहां उन सात स्थानों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

1. शिवलिंग: यह भगवान शिव का मुख्य स्थान है और चंदन का लेप शिवलिंग के ऊपर लगाया जाता है. 

2. जलाधारी: यह वह स्थान है जहाँ से जल बहता है और यह स्थान माता पार्वती को समर्पित है. 

3. गणेश जी का स्थान: शिवलिंग के दाईं ओर, जलाधारी के ऊपर का स्थान गणेश जी का माना जाता है. 

4. कार्तिकेय जी का स्थान: शिवलिंग के बाईं ओर, जलाधारी के ऊपर का स्थान कार्तिकेय जी का माना जाता है. 

5. अशोक सुंदरी का स्थान: जलाधारी से बहने वाले जल के रास्ते पर अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता है. 

6. नंदी के दोनों सींग: नंदी, जो भगवान शिव के वाहन हैं, उनके दोनों सींगों पर भी चंदन लगाया जाता है. 

7. शिवलिंग के पीछे: शिवलिंग के पीछे का स्थान भी चंदन लगाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. 

धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं पर है आधारित

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सात स्थान धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं पर आधारित हैं, और विभिन्न परंपराओं में थोड़े भिन्न हो सकते हैं. भगवान शिव जी का पूजन करते समय उपरोक्त सात स्थानों पर चन्दन अवश्य लगाना चाहिए. इससे भगवान शिव के साथ उनका पूरा शिव परिवार प्रसन्न हो कर अपने भक्तों पर कृपा करता है.

भगवान शिव का परिवार हमें अपने परिवार के साथ सम्मिलित और संगठित होकर रहने की सीख देता है. हर मुसीबत और दुख-सुख में हमारा परिवार ही काम आता है. और जो परिवार साथ रहता है उस पर मुसीबतें भी कम आती है और सुरक्षित रहता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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