
Significance of hari chudiyan : हर साल सावन माह प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और पूर्णिमा को रक्षाबंधन पर्व के साथ समाप्त. इस दौरान भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. उनकी कृपा पाने के लिए उपवास, पूजा और रुद्राभिषेक का अनुष्ठान किया जाता है. इसके अलावा इस मास में हरी चूड़ियां, साड़ी, मेहंदी, बिंदी लगाना बहुत शुभ होता है. ऐसी मान्यता है देवी पार्वती को यह रंग बहुत प्रिय है, इसलिए विवाहित स्त्रियां हरा रंग इस माह में जरूर धारण करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं सौभाग्य की प्रतीक चूड़ियां इस माह में कब खरीदनी चाहिए और इसे पहनने का क्या नियम है...
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सावन में हरी चूड़ियां कब खरीदें - When to buy green bangles in Shravan
सावन माह में देवी पार्वती की कृपा पाने के लिए हरी चूड़ियां सोमवार या फिर शुक्रवार के दिन खरीद सकते हैं. यह दिन मां पार्वती का माना जाता है.

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सावन में हरी चूड़ियां पहनने का नियम - Rules for wearing green bangles in the month of Saavan
हरी चूड़ियां आप शुक्रवार या फिर सोमवार को नहाने के बाद देवी पार्वती को चढ़ाएं. इसके बाद चूड़ियों को पहनिए. चूड़ियां पहनते समय भगवान शिव का ध्यान करिए. 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करिए. इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.

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सावन में हरी चूड़ियां पहनने का महत्व - Significance of wearing green bangles in Saavan
चूड़ियां सोलह श्रृंगार में से एक हैं. इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है 16 सिंगार करने से पति की लंबी आयु होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.

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हरी चड़ियां हरियाली, ताजगी और समृद्धि का प्रतीक हैं. इससे आपकी मानसिक, शारीरिक ऊर्जा बढ़ती है
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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