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Sheetala Mata Ki Aarti: जय शीतला माता... शीतला अष्टमी पर यहां से पढ़ें माता शीतला की आरती

Sheetla Mata ji ki Aarti: इस साल शीतला अष्टमी का पर्व शनिवार, 22 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन भक्तजन श्रद्धा और भक्ति भाव से माता शीतला की पूजा-अर्चना करते हैं. सनातन धर्म में कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में पूजा के बाद यहां से पढ़ें माता शीतला की आरती-

Sheetala Mata Ki Aarti: जय शीतला माता... शीतला अष्टमी पर यहां से पढ़ें माता शीतला की आरती
Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी पर यहां से पढ़कर गाएं आरती.

Sheetala Ashtami 2025: कल यानी शनिवार 22 मार्च को शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025 Date) का पर्व मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में इस पर्व का बेहद महत्व है. माना जाता है कि शीतला अष्टमी पर सच्चे मन और भक्ति से माता शीतला की पूजा-अर्चना करने पर रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में भक्त इस दिन प्रातःकाल उठकर, स्नान कर माता शीतला के मंदिर में जाकर या घर में ही उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनके नाम का उपवास रखते हैं. हालांकि, कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में पूजा-अर्चना के बाद आप यहां से पढ़कर माता शीतला की आरती गा सकते हैं.  

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शीतला माता की आरती (Sheetala Mata Ki Aarti)

जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥

रतन सिंहासन शोभित,
श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

विष्णु सेवत ठाढ़े,
सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत,
पार नहीं पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

इन्द्र मृदङ्ग बजावत,
चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै,
नारद मुनि गाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

घण्टा शङ्ख शहनाई,
बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती,
लखि लखि हर्षाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

ब्रह्म रूप वरदानी,
तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती,
मातु पिता भ्राता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

जो जन ध्यान लगावे,
प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे,
भवनिधि तर जाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

रोगों से जो पीड़ित कोई,
शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया,
अन्ध नेत्र पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

बांझ पुत्र को पावे,
दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं,
सिर धुनि पछताता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

शीतल करती जननी,
तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,
तू सब की घाता ॥

ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

दास विचित्र कर जोड़े,
सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै,
और न कुछ भाता ॥

जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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