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जुलाई की इस तारीख से शनि देव हो रहे हैं वक्री, विश्व युद्ध होने का है संकेत!

वक्री शनि प्राकृतिक आपदाओं, देश एवं मानव जीवन में बाधाओं और बड़ी अप्रिय घटनाओं का कारण बन सकता है. इसके अलावा शनि की व्रकी चाल क्या-क्या कर सकती है, इसके बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र.

जुलाई की इस तारीख से शनि देव हो रहे हैं वक्री, विश्व युद्ध होने का है संकेत!
पंडित अरविंद मिश्र के अनुसार, शनि देव 13 जुलाई 2025 से 28 नवंबर तक व्रक्री रहेंगे.

Shani dev vakri impact on life : शनि देव को कर्मफलदाता कहा जाता है. यह जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. यह रंक को राजा और राजा को रंक बनाने की ताकत रखते हैं. यही कारण है लोग शनि देव को कभी नाखुश नहीं करते हैं. उनसे जुड़े उपाय और पूजा पाठ करते रहते हैं, ताकि उनकी अच्छी दृष्टि बनी रहे. ऐसे में 13 जुलाई से शनि देव का वक्री होना जातकों के लिए चिंता दे रहा है. दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की उल्टी चाल को 'वक्री' कहा जाता है. वास्तव में कोई भी ग्रह उल्टा नहीं चलता है. लेकिन ग्रहों की अपनी कक्षा में घूमने की गति के कारण पृथ्वी से देखने पर यह भ्रम पैदा करती है. ऐसा लगता है ग्रह पीछे की ओर चल रहा है.

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आपको बता दें कि शनि वक्री होने पर अधिक प्रभाव शाली हो जाता है. जिसके कारण यह प्राकृतिक आपदाओं, देश एवं मानव जीवन में बाधाओं और अप्रिय घटनाओं का कारण बन सकता है. इसके अलावा शनि की व्रकी चाल क्या-क्या कर सकती है, इसके बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र.

शनि की व्रकी चाल क्या डालेगी प्रभाव

पंडित अरविंद मिश्र के अनुसार, शनि देव 13 जुलाई 2025 से 28 नवंबर तक व्रक्री रहेंगे. जिसके कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व और स्वभाव भी प्रभावित हो सकता है. शनि वक्री होने के कारण प्रमोशन प्रशंसा या अपेक्षित पुरस्कारों में देरी कर सकता है. आपको यह एहसास हो सकता है कि आप अपने वर्तमान कार्य से संतुष्ट नहीं है. अतः कार्य क्षेत्र बदलने का विचार भी मन में आ सकता है. 

विश्व युद्ध का संकेत

शनि के वक्री होने के बाद सिंह राशि में चल रहे केतु और मंगल ग्रह के योग पर भी दृष्टिपात करेगा. इस केतु मंगल के योग पर राहु ग्रह की भी दृष्टि पड़ रही है. शनि, केतु, मंगल, राहु ग्रह का योग 28 जुलाई तक बनेगा. इस योग के कारण  इजरायल, फलस्तीनी और ईरान, रूस यूक्रेन ,भारत पाकिस्तान, चीन , अमेरिका में अंतर्विरोध बढ़ेगा. 

पश्चिमी देशों में लड़ाई दंगे, आतंकी उत्पात, बम विस्फोट, तोड़ फोड़, मारपीट, सीमा विवाद जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इसलिए सीमा सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा. कुछ देशों का संघर्ष बढ़ सकता है जिसके कारण युद्ध अर्थात विश्व युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. 

सूर्य 16 अगस्त को सिंह राशि पर आयेगा और 16 सितम्बर को कन्या राशि में. इस दौरान भी शनि, केतु, सूर्य, राहु ग्रह आपस में संयोग करेंगे. शनि देव गुरु ग्रह की राशि मीन में वक्री हो रहा है. मीन वायु तत्व की राशि है. अतः वायु दुर्घटनाओं में वृद्धि होगी. वहीं, युद्ध में भी वायु सेनाओं के विशेष भूमिका रहेगी.

हालांकि कुछ लोगों के लिए शनि की उल्टी चाल सकारात्मक साबित हो सकता है. जैसे व्यक्ति की कार्यशैली में सकारात्मक परिवर्तन, व्यक्ति की आध्यात्मिक कार्यों में अभिरुचि और क्रिएटिविटी बढ़ सकती है

वक्री शनि विशेष रूप से निम्न राशियों को प्रभावित करेंगे

मेष:  इन जातकों के जीवन में व्यस्तता बढ़ सकती है. भाग दौड़, यात्रा आदि की स्थिति बन सकती है. अपने क्रोध एवं वाणी पर संयम रखें. किसी से भी लड़ाई झगड़ा न करें.

मिथुन:  इस राशि वालों को आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. व्यापार में आमदनी कम खर्च अधिक अधिक रहेगा. लॉटरी, दलाली , शेयर आदि से यकायक धन लाभ भी हो सकता है. किसी पुराने कर्ज को उतारने में सफल होंगे. महत्वपूर्ण कार्यों में विलंब हो सकता है. कार्य क्षेत्र के विरोधी एवं शत्रु आप पर हावी होने का प्रयास करेंगे.

सिंह: इस राशि वालों को यकायक अथवा रखा हुआ धन प्राप्त हो सकता है. भूमिगत द्रव्यों से जुड़े व्यापार में संलग्न लोगों को अचानक बड़ा लाभ मिलेगा. दुर्घटना भी संभव है. लंबी दूरी की यात्रा अथवा विदेश यात्रा के योग बनेंगे. 

कन्या: इस राशि वालों को आय कम और व्यय अधिक होगा. कोई बड़ा खर्च सामने आ सकता है. नौकरी में स्थान परिवर्तन अथवा नौकरी परिवर्तित योग बन सकता है. कोर्ट कचहरी के मामले में पड़ने से बचें. राजनीतिक क्षेत्र में संलग्न लोगों को अपने चरित्र का ध्यान रखना होगा. अन्यथा आपकी प्रतिष्ठा को हानि पहुंच सकती है. दांपत्य जीवन में अकारण तनाव उत्पन्न हो सकता है.

वृश्चिक: वक्री शनि के कारण प्रेम संबंधों में धोखा, सन्तान को कष्ट, कार्य क्षेत्र एवं नौकरी में अधिक परिश्रम करना पड़ेगा. संयम एवं धैर्य में कमी आ सकती है.

धनु: इस राशि वालों को राजनीति के क्षेत्र में उच्च पद मिल सकता है. माता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. भवन, वाहन आदि के सुख में कमी हो सकती है.

कुम्भ: इस राशि वालों को पारिवारिक मतभेदों का सामना करना पड़ेगा. कोर्ट कचहरी के मामलों पर धन अधिक खर्च होगा. 

मीन: मतिभ्रम हो सकता है. कार्य क्षेत्र में अत्यधिक व्यस्तता के कारण शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है. 

वृष, कर्क , तुला, मकर,  राशि वालों के जीवन में उतार चढ़ाव की स्थिति रहेगी और लाभ और हानि की सामान्यता रहेगी.

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