Devghar and Lord Shiva : सावन (Sawan) का महीना शुरू होने वाला है. ऐसे में लोगों की बाबा भोलेनाथ के धामों पर जाने की प्लानिंग शुरू हो गई है. सावन के महीने में शिव भगवान के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना शुभ मानते हैं. शिव देव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग देश भर में हैं जिसमें से 9 वां झारखंड के देवघर (Devgahr) में स्थित बैद्यनाथ धाम है. आज इस लेख में हम जानेंगे की आखिर भोलेनाथ का इस मंदिर से क्या संबंध हैं. इसके पीछे की रोचक कहानी क्या है.
बैधनाथ धाम और भगवान शिव | Baidyanath dham and lord shiva
ऐसी मान्यता है कि यहीं पर शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. लोगों का यह भी मानना है कि यहां पर भोलेशंकर से पहले शक्ति का वास है. इस पवित्र स्थल को हाद्रपीठ और चिता भूमि के रूप में भी जाना जाता है.
- ऐसी मान्यता है कि यहां पर भगवान विष्णु के चक्र से देवी सती का दिल जब कटकर गिर गया था तब देवताओं ने उनका विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया था. यह भी मानना है लोगों का कि जहां पर सती का दिल गिरा था उसी स्थान पर बाबा बैद्यनाथ की स्थापना हुई है.
- शक्तिपीठ होने के नाते ही इसे काल भैरव का स्थान माना जाता है. यहा पर मां काली के महान उपासक बामा खोपा के भी पहुंचने के प्रमाण मिलते हैं.
- पौराणिक कथा के अनुसार रावण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए जब हिमालय पर तप कर रहा था तब अपना एक एक- एक सिर काटकर शिवलिंग पर चढ़ा रहा था. जब उसने अपना 10 वां सिर काटने के लिए हाथ उठाए तो भोलेनाथ ने रोक दिया और वरदान मांगने को कहा. तब रावण ने कामना लिंग को लंका ले जाने का वर मांगा था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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