Saubhagya Sundari Vrat : मार्गशीर्ष के महीने में सौभाग्य सुंदरी व्रत का विशेष महत्व होता है. यह उपवास मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है. यानि कल 11 नवंबर को यह व्रत रखा जाएगा. इस दिन माता-पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. यह व्रत सुहागिन स्त्रियां करती हैं ताकि उनका वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की परेशानी ना आए खुशियों से भऱा रहे. इस व्रत में मंत्र का जाप (mantra jaap ke labh) करने से पूण्य फल प्राप्त होता है.
सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व
- हिन्दू धर्म शास्त्रों में सौभाग्य सुंदरी व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत करने से सुहागिन स्त्रियों को सौंदर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. और धन यश की प्राप्ति जो होती है वो अलग. यह व्रत भी तीज की तरह ही महत्वपूर्ण है.
माता पर्वती के मंत्र
1-माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वर:
बान्धवा: शिवभक्ताश्च, स्वदेशो भुवनत्रयम ॥
2-ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी सकल
स्थावर जंगमस्य मुख हृदयं मम वशं आकर्षय आकर्षय नमः॥
मंत्र जाप के क्या हैं लाभ
- इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को शक्ति मिलती है. इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहेगी. इस मंत्र का रोजाना जप करने से जातक भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय रूप से मजबूत बनता है. उसे वित्तीय समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता.
-नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में असफलता का डर कम हो जाता है. यह आपकी क्षमताओं को और बेहतर करता है.
- इस मंत्र का जाप करने से कुछ नया करने का साहस आता है. इससे नकारात्मकता खत्म होती है. इसलिए पूरी श्राद्धा के साथ इन मंत्रों का जाप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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