भगवान राम के जन्मोत्सव पर बृहस्पतिवार को मथुरा के मंदिरों में उनका अभिषेक तो विधि विधान से किया गया, परंतु भक्तजनों की उपस्थिति बिना सब कुछ सूना-सूना रहा. बंद के चलते मथुरा में भी भक्तों के लिए भगवान के पट बंद हैं लेकिन कुछ मंदिरों ने ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जिसका भक्तजनों ने पूर्ण उल्लास के साथ स्वागत किया और मुक्त कण्ठ से सराहा.
शहर के प्राचीन श्रीदीर्घविष्णु मंदिर में सेवायतों ने भगवान का महापंचामृत अभिषेक गुरुवार प्रातः 8 बजे किया. इसका सीधा प्रसारण फेसबुक और यूट्यूब पर किया गया. मंदिर के सेवायत महंत कांतानाथ चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भक्तों से घर पर ही रहने की अपील की है. इसलिए यह व्यवस्था की गई.
मथुरा के मूल निवासी एवं इण्टरनेट पर हिन्दी एनसाइक्लोपीडिया 'भारतकोश' के संस्थापक व साहित्यकार आदित्य चैधरी ने लाइव प्रसारण के प्रयोग को सार्थक प्रयास बताया.
आपको बता दें कि न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के जिस भी कोने में हिन्दू रह रहे हैं वह राम नवमी को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं. मान्यता है कि राम नवमी के दिन ही सृष्टि के रचयिता श्री हरि विष्णु के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जन्म लिया था. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार श्री राम ने लंकापति रावण का संहार कर धर्म की स्थापना की थी. राम नवमी के दिन लोग मंदिरों में विशेष-पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं और अपने आराध्य रामलला को झूला भी झुलाते हैं. हालांकि इस बार कोरोनावायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन है और मंदिर व धार्मिक स्थानों में सन्नाटा छाया रहा. इसके बावजूद लोगों ने अपने-अपने घरों में विधिवत राम नवमी का त्योहार मनाया और भगवान राम की पूजा की.
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