
Rakshabandhan 2025 : हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं. इस साल यह पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं भाई को रक्षासूत्र बांधते समय कौन सा मंत्र पढ़ने से भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है और भाई के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
Rakshabandhan katha : रक्षाबंधन का श्रीकृष्ण से क्या है संबंध, पढ़िए यहां इसकी पौराणिक कथा
कौन सा मंत्र रक्षा बांधते समय बोलें
शास्त्रों में कहा गया है कि रक्षा सूत्र एक मंत्र के साथ बांधने से वह सुरक्षा कवच की तरह काम करता है. इसलिए भाई की कलाई पर राखी बांधते समय बहनों को रक्षाबंधन मंत्र का जाप भी करना चाहिए, क्योंकि बिना मंत्र जाप के राखी बांधने से मात्र आभूषण बनकर रह जाती है.
रक्षाबंधन का मंत्र है - "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:.'
इस रक्षासूत्र मंत्र का अर्थ है जिस रक्षासूत्र से दानवों के महापराक्रमी राजा बलि धर्म के बंधन में बांधे गए थे अर्थात् धर्म में प्रयुक्त किए गये थे, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं. हे रक्षे हर परिस्थति में साथ देना.
आपको बता दें कि इस साल 9 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 04 मिनट तक है. वहीं, राखी बांधने के लिए सबसे उत्तम अभिजीत मुहूर्त, दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.
रक्षाबंधन का महत्व - Significance of Rakshabandhan
रक्षाबंधन भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है. इसमें बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनके दीर्घायु होने की काम करती हैं. वहीं, भाई बहन का हर मुश्किल समय में साथ देने का वचन देते हैं और उन्हें उपहार के रूप में कोई वस्तु या फिर पैसे देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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