
Rahu-ketu transit may 2205 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और नक्षत्र का विशेष महत्व होता है. इनका व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. यही कारण है लोग समय-समय पर अपनी कुंडली ज्योतिषी को दिखाते रहते हैं कि ताकि उन्हें अपने ग्रह नक्षत्रों की सही स्थिति का पता लग सके. आपको बता दें कि 18 मई को राहु मीन से कुंभ और केतु कन्या से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस परिवर्तन का असर जातक के जीवन पर 1.5 साल तक रहेगा. ऐसे में आइए जानते हैं वैदिक ज्योतिषी कुंदन भारद्वाज और पंडित धनंजय पांडेय भारद्वाज से इस परिवर्तन का क्या अर्थ होता है...
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क्या होता है राहु-केतु का गोचर - What is the transit of Rahu and Ketu?
- राहु आपके अंदर भ्रम, लालच, अचानक बदलाव का भाव लाने का काम करता है और केतु मोक्ष, त्याग, अंदरूनी शांति लाता है.
- इन दोनों का गोचर हमारी सोच, फैसले और रिश्तों को गहराई से प्रभावित करता है.
राहु-केतु का किस पर पड़ेगा ज्यादा असर - Who will be more affected by Rahu-Ketu
- राहु केतु के परिवर्तन से कुंभ, सिंह, मीन, कन्या राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि इस परिवर्तन से सोच में बड़ा बदलाव, जीवन में नई दिशा और कुछ छूटेगा तो कुछ नया मिलने के योग बन रहे हैं.
- राहु का परिवर्तन कुंभ राशि के लिए अचानक से प्रसिद्धि, पैसा या फिर नया बदलाव ला सकता है. इस दौरान आपको भ्रम से दूर रहना है और कोई फैसला सोच समझकर लेना है.
- केतु का परिवर्तन इस बात का संकेत दे रहा कि सिंह राशि को अहंकार छोड़ने का समय आ गया है. रिश्तों में 'मैं' से 'हम' की ओर बढ़ेंगे और अध्यात्मिक रुझान बढ़ेगा.
राहु-केतु के कुप्रभाव से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप - Chant these mantras to avoid the ill effects of Rahu and Ketu
हर बुधवार आप गणेश जी को दुर्वा अर्पित करें और साथ में 'ओम रां राहवे नम:' और 'ओम कें केतवे नम:' का जप करें. साथ ही इस दौरान आप पुराने रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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