छठ: इस बार ध्यान रखें कुछ बातें, मिलेगा शुभ फल
सूर्य की उपासना का पर्व है छठ. बड़े पैमाने पर लोग इस पूजन और पर्व को मनाते हैं. लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ इस चार दिन के पर्व को मनाते हैं. चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्लपक्ष चतुर्थी से शुरु होता है. इस साल छठ का पर्व 24 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. इस महापर्व के लिए कई कड़े नियम तय किए गए हैं. साथ ही साथ इस पर्व के दौरान पूजन और विधि से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. आईए जानें उनके बारे में...
छठ व्रत के लाभ से जुड़ी मान्यताएं
छठ व्रत के लाभ से जुड़ी मान्यताएं
- छठ के व्रत के साथ कई तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हैं. जिनमें से एक है संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को लाभकारी मानना. जी हां, मान्यता है कि जिन लोगों को संतान न हो रही हो उन्हें यह व्रत करने से संतान प्राप्त होती है. इसके अलावा संतानवान लोग भी अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करते हैं.
- क्योंकि छठ सूर्य की उपासना का पर्व है, इसलिए मान्यता यह भी है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति ख़राब होने पर या राज्य पक्ष से समस्या होने पर इस व्रत को रखने से लाभ होता है.
- छठ रखने वाले भक्तों की मानें तो कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की समस्या से परेशान लोगों को भी यह व्रत रखने से लाभ मिलता है...
- मान्यता के अनुसार जिन लोगों को संतान पक्ष से कोई कष्ट हो तो ये व्रत उनके लिए लाभदायक होता है.
- जिस तरह व्रत रखने के लिए कई मान्यताएं हैं, ठीक उसी तरह व्रत के दौरान क्या करना है और क्या नहीं इससे जुड़ी भी बहुत सी मान्यताएं इस व्रत को करने वाले लोगों के बीच होती हैं.
- मान्यता के अनुसार भले ही घर के सभी लोग छठ का व्रत न रख रहे हों. लेकिन अगर घर में किसी एक ने भी व्रत रखा है, तो पूरे परिवार को तामसिक भोजन से परहेज करने होते हैं. मान्यता के मुताबिक पूरे परिवार को सात्विकता और स्वच्छता का पालन करना होता है.
- छठ को अत्यंत सफाई और सात्विकता का व्रत माना जाता है. इसलिए इसमें सबसे बड़ी सावधानी यही मानी जाती है कि इस दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाना चाहिए.
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