रोज-रोज नहीं बल्कि शमी के पौधे को इस दिन दें पानी, मिलेगा भरपूर लाभ

Planting tips : आइए आज हम आपको बताते हैं कि आपको किस दिन शमी के पौधे को पानी देना चाहिए और कैसे.

रोज-रोज नहीं बल्कि शमी के पौधे को इस दिन दें पानी, मिलेगा भरपूर लाभ

ज्योतिष शास्त्रों (Astro tips) के अनुसार, शमी के पौधे पर कभी भी स्टील के लोटे से पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.

ShamiPlant : हिंदू धर्म में कई पेड़ पौधे ऐसे हैं जिनमें भगवान का वास माना जाता है और इसकी पूजा भगवान के समान ही की जाती है. इसी तरह से हिंदू धर्म (Hindu Religion) में और वास्तु (Vastu) के अनुसार शमी का पौधा बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं कि शमी की पत्तियों को अगर शिवलिंग (Shivling) पर चढ़ाया जाए तो इससे भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं. इतना ही नहीं शमी का संबंध शनि देव (Lord Surya) से भी होता है, इसलिए शमी के पेड़ की विशेष पूजा करना और इसपर खास दिन पानी देना बहुत जरूरी होता है. आइए हम आपको बताते हैं कि आपको शमी को कब जल देना चाहिए.

इस दिन शमी के पौधे पर चढ़ाएं शुद्ध जल - Offer pure water to Shami plant on this day.

वास्तु के अनुसार (Vastu significance of shami plant), शमी का संबंध शनि देव से होता है और न्याय के देवता शनि का दिन शनिवार है, इसलिए शमी के पौधे को शनिवार को पानी देना बहुत लाभकारी माना जाता है. इसके लिए सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और एक लोटे में शुद्ध जल लें. सूर्योदय से पहले ही आप शमी के पौधे पर जल चढ़ाएं. कहते हैं शमी के पौधे पर अगर शनिवार को सूर्योदय से पहले जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

शमी पर जल चढ़ाने के लिए पीतल या तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करें 

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, शमी के पौधे पर कभी भी स्टील के लोटे से पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके लिए पीतल या तांबे के पात्र का ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ये दोनों ही शुद्ध धातु माने जाते हैं. कहते हैं अगर शमी के पौधे पर हर शनिवार को जल चढ़ाकर दीपक जलाया जाए तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि देव की कृपा से आपके जीवन को सफलता मिलती है और शनि का दुष्प्रभाव भी दूर होता है. इतना ही नहीं इससे घर से निगेटिविटी भी दूर होती है और रामायण में भी शमी के पौधे का महत्व बताया गया है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)