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This Article is From Aug 31, 2022

Pind daan in Gaya: गया में क्यों किया जाता है पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, यहा जानें वजह और महत्व

Pind daan in Gaya: पितृ पक्ष के दौरान गया में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण किए जाते हैं. मान्यता है कि गया में पितरों का पिंडदान करने से उनकी आत्मा को मोक्ष मिलता है.

Pind daan in Gaya: गया में क्यों किया जाता है पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, यहा जानें वजह और महत्व
Pind daan in Gaya: गया में पितरों के निमित्त पिंडदान का खास महत्व है.

Pind daan in Gaya: भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन अमावस्या तक की अवधि को पितृ पक्ष (Pitru Paksha) कहा जाता है. इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha Date 2022) का आरंभ 10 सितंबर से होने जा रहा है. वहीं पितृ पक्ष का समापन (Pitru Paksha End Date 2022) 25 सितंबर को होगा. इस दौरान पितरों के निमित्त पिंडदान (Pind Daan) की परंपरा है. पूर्वजों के निमित्त पिंडदान के लिए लोग गया जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि गया जी में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण (Tarpan) और श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है. मान्यता है कि पितर पक्ष में यमराज भी पितरों की आत्मा को बंधन मुक्त कर देते हैं ताकि वे पृथ्वी पर अपने वंशजों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण कर सकें. आइए जानते हैं कि गया में पिंडदान का महत्व क्या है. 

गया में क्यों किया जाता है पिंडदान | Why Pind Daan is done in Gaya

वैसे तो पितृ पक्ष के दौरान कई स्थानों पर तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है. लेकिन गया जी में पिंडदान और तर्पण का अपना विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यता है कि गया में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म करने से 7 पीढ़ी और 108 कुल का उद्धार होता है. साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

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गया में पिंडदान का महत्व | Pind Daan Importance in Gaya

गरुड़ पुराण में ही गया में किए जाने वाले पिंडदान के महत्व के बारे में बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि गया में भगवान श्रीराम और माता सीता ने पिता राजा दशरथ के निमित्त पिंडदान किया था. गरुड़ पुराण के मुताबिक अगर मरणोपरांत पितरों के निमित्त गया जी में पिंडदान किया जाता है उनकी आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि यहां पर पितृ देवता के रूप में विराजमान रहते हैं. इसलिए इसे पितृ तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है. गया जी की इसी महत्व के कारण पितृ पक्ष में हर साल लाखों लोग अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान करते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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