Gaya Pind Daan
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जानिए क्या है 'गया' में पिंडदान करने का महत्व, क्या यहां पूजा करने से पितरों को मिल जाता है मोक्ष
- Friday October 13, 2023
- Edited by: सुभाषिनी त्रिपाठी
गरुण पुराण (garun Puran) में कहा गया है कि गया में पिंडदान करने पर व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है और पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है.
- ndtv.in
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गया के अलावा इन धार्मिक स्थलों पर किया जाता है पितरों का पिंडदान, ये रहे उन पवित्र जगहों के नाम
- Friday September 16, 2022
- Written by: Subhashini Tripathi
Pitru paksh 2022 : गया के अलावा भी कई पवित्र स्थल (Holy places) हैं जहां पर अपने पितरों का पिंडदान किया जाता है, इस लेख में हम आपको बताएंगे उन जगहों के बारे में जहां पर भी अपने पूर्वजों का स्थापित कर सकते हैं.
- ndtv.in
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Pitru Paksha: ट्रेन में पितरों के नाम पर बर्थ करते हैं आरक्षित, सीट पर रखते नारियल, जानें पितृ पक्ष में क्यों होता है ऐसा
- Monday September 12, 2022
- Written by: दीपेश कुमार ठाकुर
Pitru Paksha 2022: पतृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हो चुकी है. मान्यता है को लोग गया में अपनें पूर्वजों का पिंडदान कराने के लिए जाते हैं, वे अपने पूर्वजों के निमित्त ट्रेन में सीट रिजर्व कराते हैं.
- ndtv.in
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Pind daan in Gaya: गया में क्यों किया जाता है पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, यहा जानें वजह और महत्व
- Wednesday August 31, 2022
- Written by: दीपेश कुमार ठाकुर
Pind daan in Gaya: पितृ पक्ष के दौरान गया में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण किए जाते हैं. मान्यता है कि गया में पितरों का पिंडदान करने से उनकी आत्मा को मोक्ष मिलता है.
- ndtv.in
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Pitru Paksha 2021: जानिये गया में बालू से क्यों दिया जाता है पिंडदान
- Thursday September 30, 2021
- Written by: शालिनी सेंगर
मान्यताओं के अनुसार, कई जगह पर बालू और चावल की पिंडी बनाकर पिंडदान किया जाता है. गया में बालू से पिंडदान किया जाता है. बालू से पिंडदान क्यों किया जाता है इसके बारे में लोगों के मन में सवाल होते हैं. बालू से पिंडदान का उल्लेख वाल्मिकी रामायण में मिलता है.
- ndtv.in
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पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मॉरीशस के राष्ट्रपति ने गया में किया पिंडदान, विष्णुपद मंदिर में की पूजा-अर्चना
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: IANS
मॉरीशस के राष्ट्रपति ने कहा, "मेरा बिहार से पुराना लगाव रहा है, इसलिए यहां की मिट्टी को हम नमन करते हैं." इसके बाद राष्ट्रपति नालंदा के लिए रवाना हो गए.
- ndtv.in
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Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए श्राद्ध की तिथियां, पूजा विधि, नियम, कथा और महत्व
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अगर श्राद्ध न किया जाए तो मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है.
- ndtv.in
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फल्गु नदी के तट पर पिंडदान को क्यों माना जाता है खास, क्या है इसका महत्व...
- Wednesday August 30, 2017
- Edited by: अनिता शर्मा
गया शहर के पूर्वी छोर पर पवित्र फल्गु नदी बहती है. तकरीबन पूरे साल ही लोग अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना लेकर यहां पहुंचते हैं और फल्गु नदी के तट पर पिंडदान और तर्पण करते हैं.
- ndtv.in
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'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान के लिए हो रही है ऑनलाइन बुकिंग
- Wednesday August 30, 2017
- Edited by: अनिता शर्मा
पितृपक्ष यानी महालया में कर्मकांड की विधियां और विधान अलग-अलग हैं. श्रद्घालु एक दिन, तीन दिन, सात दिन, 15 दिन और 17 दिन का कर्मकांड करते हैं. इस दौरान पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध किया जाता है.
- ndtv.in
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ऑनलाइन बुकिंग के जरिए करें 'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान
- Tuesday August 8, 2017
- IANS
इस वर्ष (6 से 20 सितंबर) के बीच गया में पितृपक्ष मेला लगने जा रहा है. इस मेले में आने वाले देश और विदेश के श्रद्घालुओं के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है.
- ndtv.in
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गया में पिंडदान और पितरों की आत्मा की शांति के लिए अब होगी ऑनलाइन बुकिंग
- Tuesday August 23, 2016
- Edited by: श्यामनंदन
हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए आश्विन मास के कृष्ण पक्ष (पितृपक्ष या महालय पक्ष) में पिंडदान अहम कर्मकांड है। इस अवधि के दौरान लोग पिंडदान करते हैं। बिहार का गया पिंडदान के लिए सर्वोत्तम स्थल माना जाता है।
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जानिए क्या है 'गया' में पिंडदान करने का महत्व, क्या यहां पूजा करने से पितरों को मिल जाता है मोक्ष
- Friday October 13, 2023
- Edited by: सुभाषिनी त्रिपाठी
गरुण पुराण (garun Puran) में कहा गया है कि गया में पिंडदान करने पर व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है और पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है.
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गया के अलावा इन धार्मिक स्थलों पर किया जाता है पितरों का पिंडदान, ये रहे उन पवित्र जगहों के नाम
- Friday September 16, 2022
- Written by: Subhashini Tripathi
Pitru paksh 2022 : गया के अलावा भी कई पवित्र स्थल (Holy places) हैं जहां पर अपने पितरों का पिंडदान किया जाता है, इस लेख में हम आपको बताएंगे उन जगहों के बारे में जहां पर भी अपने पूर्वजों का स्थापित कर सकते हैं.
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Pitru Paksha: ट्रेन में पितरों के नाम पर बर्थ करते हैं आरक्षित, सीट पर रखते नारियल, जानें पितृ पक्ष में क्यों होता है ऐसा
- Monday September 12, 2022
- Written by: दीपेश कुमार ठाकुर
Pitru Paksha 2022: पतृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हो चुकी है. मान्यता है को लोग गया में अपनें पूर्वजों का पिंडदान कराने के लिए जाते हैं, वे अपने पूर्वजों के निमित्त ट्रेन में सीट रिजर्व कराते हैं.
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Pind daan in Gaya: गया में क्यों किया जाता है पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, यहा जानें वजह और महत्व
- Wednesday August 31, 2022
- Written by: दीपेश कुमार ठाकुर
Pind daan in Gaya: पितृ पक्ष के दौरान गया में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण किए जाते हैं. मान्यता है कि गया में पितरों का पिंडदान करने से उनकी आत्मा को मोक्ष मिलता है.
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Pitru Paksha 2021: जानिये गया में बालू से क्यों दिया जाता है पिंडदान
- Thursday September 30, 2021
- Written by: शालिनी सेंगर
मान्यताओं के अनुसार, कई जगह पर बालू और चावल की पिंडी बनाकर पिंडदान किया जाता है. गया में बालू से पिंडदान किया जाता है. बालू से पिंडदान क्यों किया जाता है इसके बारे में लोगों के मन में सवाल होते हैं. बालू से पिंडदान का उल्लेख वाल्मिकी रामायण में मिलता है.
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पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मॉरीशस के राष्ट्रपति ने गया में किया पिंडदान, विष्णुपद मंदिर में की पूजा-अर्चना
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: IANS
मॉरीशस के राष्ट्रपति ने कहा, "मेरा बिहार से पुराना लगाव रहा है, इसलिए यहां की मिट्टी को हम नमन करते हैं." इसके बाद राष्ट्रपति नालंदा के लिए रवाना हो गए.
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Pitru Paksha 2018: पितृ पक्ष शुरू, जानिए श्राद्ध की तिथियां, पूजा विधि, नियम, कथा और महत्व
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अगर श्राद्ध न किया जाए तो मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है.
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फल्गु नदी के तट पर पिंडदान को क्यों माना जाता है खास, क्या है इसका महत्व...
- Wednesday August 30, 2017
- Edited by: अनिता शर्मा
गया शहर के पूर्वी छोर पर पवित्र फल्गु नदी बहती है. तकरीबन पूरे साल ही लोग अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना लेकर यहां पहुंचते हैं और फल्गु नदी के तट पर पिंडदान और तर्पण करते हैं.
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'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान के लिए हो रही है ऑनलाइन बुकिंग
- Wednesday August 30, 2017
- Edited by: अनिता शर्मा
पितृपक्ष यानी महालया में कर्मकांड की विधियां और विधान अलग-अलग हैं. श्रद्घालु एक दिन, तीन दिन, सात दिन, 15 दिन और 17 दिन का कर्मकांड करते हैं. इस दौरान पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध किया जाता है.
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ऑनलाइन बुकिंग के जरिए करें 'मोक्ष की धरती' पर पिंडदान
- Tuesday August 8, 2017
- IANS
इस वर्ष (6 से 20 सितंबर) के बीच गया में पितृपक्ष मेला लगने जा रहा है. इस मेले में आने वाले देश और विदेश के श्रद्घालुओं के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है.
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गया में पिंडदान और पितरों की आत्मा की शांति के लिए अब होगी ऑनलाइन बुकिंग
- Tuesday August 23, 2016
- Edited by: श्यामनंदन
हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए आश्विन मास के कृष्ण पक्ष (पितृपक्ष या महालय पक्ष) में पिंडदान अहम कर्मकांड है। इस अवधि के दौरान लोग पिंडदान करते हैं। बिहार का गया पिंडदान के लिए सर्वोत्तम स्थल माना जाता है।
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