फाइल फोटो
उज्जैन:
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अप्रैल-मई माह में होने वाले सिंहस्थ के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश और मंदिर के भीतर मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। यह निर्णय मंगलवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया।
जिलाधिकारी कवींद्र कियावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तय किया गया है कि सिंहस्थ कुंभ के दौरान 22 अप्रैल से 21 मई के बीच महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में जाने पर प्रतिबंध रहेगा। सिंहस्थ के दौरान भस्म आरती के समय दर्शन नन्दी हल एवं नन्दी हल के पीछे बैरिकेट के पीछे से ही हो सकेंगे।
अभिषेक पूजन पर भी प्रतिबंध रहेगा
बैठक में तय किया गया कि सिंहस्थ के दौरान मंदिर के नन्दी गृह के समीप अभिषेक पूजन पर भी प्रतिबंध रहेगा। उसके स्थान पर जूना महाकाल यज्ञस्थल के समीप निर्मित चबूतरे पर व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
सिंहस्थ कुंभ के शाही स्नान के दौरान महाकाल के दर्शन के लिए 151 रुपये की रसीद नहीं काटी जाएगी, वर्तमान में 151 रुपये की रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए अलग लाइन लगती है।
इस बैठक में महाकाल मंदिर के कर्मचारियों के लिए भी कई फैसले हुए। मंदिर में मानदेय प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, इसी प्रकार मानदेय कर्मचारियों का ईपीएफ पुन: प्रारंभ किया जाएगा। मंदिर के कर्मचारियों की मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी के भुगतान का अनुमोदन किया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जिलाधिकारी कवींद्र कियावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तय किया गया है कि सिंहस्थ कुंभ के दौरान 22 अप्रैल से 21 मई के बीच महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में जाने पर प्रतिबंध रहेगा। सिंहस्थ के दौरान भस्म आरती के समय दर्शन नन्दी हल एवं नन्दी हल के पीछे बैरिकेट के पीछे से ही हो सकेंगे।
अभिषेक पूजन पर भी प्रतिबंध रहेगा
बैठक में तय किया गया कि सिंहस्थ के दौरान मंदिर के नन्दी गृह के समीप अभिषेक पूजन पर भी प्रतिबंध रहेगा। उसके स्थान पर जूना महाकाल यज्ञस्थल के समीप निर्मित चबूतरे पर व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
सिंहस्थ कुंभ के शाही स्नान के दौरान महाकाल के दर्शन के लिए 151 रुपये की रसीद नहीं काटी जाएगी, वर्तमान में 151 रुपये की रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए अलग लाइन लगती है।
इस बैठक में महाकाल मंदिर के कर्मचारियों के लिए भी कई फैसले हुए। मंदिर में मानदेय प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, इसी प्रकार मानदेय कर्मचारियों का ईपीएफ पुन: प्रारंभ किया जाएगा। मंदिर के कर्मचारियों की मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी के भुगतान का अनुमोदन किया गया।
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