नवरात्रि में कब है दुर्गा अष्टमी | When is Durga Ashtami in Navratri
नवरात्रि पर्व की शुरुआत 26 सितंबर से हो चुकी है. आश्विन शुक्ल अष्टमी को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी मनाई जाती है. इस नवरात्रि अष्टमी तिथि 2 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है जो कि 3 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, अष्टमी का व्रत (Ashtami Vrat) 3 अक्टूबर को रखा जाएगा. ऐसे में अष्टमी तिथि समाप्त होने से पहले हवन कर लेना अच्छा रहेगा.
नवरात्रि अष्टमी हवन सामग्री | Ashtami Havan Samagri
नवरात्रि में अष्टमी के दिन हवन का विधान है. ऐसे में इस दिन हवन के लिए आपको 1 गोला सूखा नारियल, लाल रंग का कपड़ा, कलावा, हवन कुंड, सूखी आम की लकड़ी, आम के पत्ते, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना और छाल, गूलर की छाल इत्यादि सामग्रियों की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावा हवन पूजन सामग्री के तौर पर काला तिल, कर्पूर, चावल, गाय का घी, लौंग, लोभान, इलायची, गुग्गल, जौ और शक्कर इत्यादि की भी व्यवस्था करनी होगी.
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अष्टमी के दिन हवन कैसे करें | Ashtami Havan Vidhi
नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन सबसे पहले मां महागौरी की पूजा करें. इसके बाद पूजा स्थान पर हवन कुंड रखें. इसके बाद सभी हवन सामग्रियों को मिलाकर एक साफ बर्तन में रखें. पीतल का बर्तन उत्तम रहेगा. सूखी लकड़ियों को हवन कुंड में रखकर कर्पूर की मदद से अग्नि प्रज्वलित करें. अपने सिर पर रुमाल या तौलिया रख लें. अब मंत्रोच्चार करते हुए हवन सामग्री की आहुति दें. हवन के मंत्र इस प्रकार हैं.
इन मंत्रों से दें आहुति | Havan Mantra
ओम् आग्नेय नम: स्वाहा
ओम् गणेशाय नम: स्वाहा
ओम् नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम् दुर्गायै नम: स्वाहा
ओम् महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम् हनुमते नम: स्वाहा
ओम् भैरवाय नम: स्वाहा
ओम् स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम् कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम् ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम् विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम् शिवाय नम: स्वाहा
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स्तुति मंत्र
जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी
भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च:
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव
सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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