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Masik Shivratri 2025: पंडित से जानिए मासिक शिवरात्रि के दिन कैसे करें पूजा क्या है इसका महत्व

मासिक शिवरात्रि का महत्व साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि के बराबर ही है. भगवान शिव को भगवान आशुतोष भी कहा जाता है अर्थात जल्दी प्रसन्न होने वाले देव.

Masik Shivratri 2025: पंडित से जानिए मासिक शिवरात्रि के दिन कैसे करें पूजा क्या है इसका महत्व
इस दिन भगवान शिव के सम्मुख बैठ कर राम-राम जपने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं.

Masik Shivratri 2025 : हिन्दू धर्म में शिव जी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है. भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए सोमवार का दिन बहुत अच्छा माना जाता है. इसके अलावा हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि भी शिव की आराधना के लिए बहुत उत्तम है. ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि कब है, पूजा विधि और महत्व क्या है और शिव जी को कैसे प्रसन्न करें, इसके बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविन्द मिश्रा. आइए जानते हैं.

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ज्येष्ठ माह में कब है मासिक शिवरात्रि 2025

इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ 25 मई दिन रविवार को दोपहर 3:51 मिनट पर होगा जिसका समापन 26 मई को दोपहर 12:11 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार मासिक शिवरात्रि 26 मई को मनाई जाएगी. लेकिन शिव पूजा मुहूर्त के आधार मासिक शिवरात्रि 25 मई को है. 

कैसे करें मासिक शिवरात्रि की पूजा

  • इस व्रत में शिव, पार्वती, गणेश तथा नंदी की पूजा की जाती है. जल ,दूध, दही ,चीनी, घी ,मधु, पंचामृत, कलवा ,वस्त्र, यज्ञोपवीत,चंदन, रोली, चावल,फुल, विल्वपत्र, दूर्वा, विजया, अरक,धतूरा, कमल गट्टा, पान सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूपदीप तथा दक्षिणा से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. 
  • इस दिन आप भगवान शिव का अभिषेक करें, साथ ही इस  भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप 11 बार रुद्राक्ष की माला से करें. 
  • इस दिन भगवान शिव के सम्मुख बैठ कर राम-राम जपने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं.
  • त्रयोदशी तिथि को एक बार भोजन कर चतुर्दशी तिथि को दिन भर निराहार रहें. 


मासिक शिव रात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि का महत्व साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि के बराबर है. भगवान शिव को भगवान आशुतोष भी कहा जाता है अर्थात जल्दी प्रसन्न होने वाले देव. जिन युवक और युवतियों का विवाह नहीं हो पा रहा है, शनि की महादशा और अंतर्दशा, साढ़े साती, शनि की चतुर्थ और अष्टम स्थान की ढय्या चल रही है, राहु की महादशा और अंतर्दशा, केतु की महादशा और अंतर्दशा चल रही है, व्यापार में मुनाफा नहीं हो रहा है, शारीरिक कष्ट, गंभीर रोगों ने घेर रखा, बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं, परिवार में अकाल मृत्य और भी कई समस्याएं हैं, उन्हें मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए. इससे इन सारी परेशानियों से आपको निजात मिल सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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