Mala se jap kaise kare: हिंदू धर्म में अपने आराध्य देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए तमाम तरह की से पूजा की जाती है. कोई व्यक्ति अपने देवता का श्रृंगार करके और भोग लगा करके प्रसन्न करने का प्रयास करता है तो कोई उनकी आरती और भजन गाता है. ईश्वर की साधना को सफल बनाने के लिए मंत्र जप की भी विशेष परंपरा चली आ रही है, जिसके लिए अक्सर अलग-अलग प्रकार की माला को उपयोग में लाया जाता है. कई बार कुछ लोगों को शिकायत होती है कि उनके द्वारा किये गये मंत्र जप का उन्हें फल नहीं मिलता है. यदि आपको भी ऐसा ही लगता है तो आपको माला जप प्रारंभ करने से पहले ये जरूरी नियम जरूर जान लेना चाहिए.
जप के लिए कैसी होनी चाहिए माला?
हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी देवी या देवता की पूजा करने के लिए व्यक्ति को माला खरीदते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. जप के लिए माला हमेशा 108 दाने वाली ही लेना चाहिए. साथ ही साथ इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि जप की माला का कोई दाना खंडित नहीं हो और उसे काले धागे से न गुहा गया हो. हिंदू मान्यता के अनुसार जप माला को पीले, सफेद और लाल धागे में गुहवाना शुभ माना जाता है.
माला जप करते समय इन बातों का रखें ख्याल
- माला जप कभी दूसरे की माला से नहीं करना चाहिए. माला जप के लिए हमेशा अपनी ही माला का प्रयोग करें.
- ईश्वर की पूजा में माला जप करने के लिए कभी भी अपने गले में पहनी जाने वाली माला का प्रयोग न करें.
- जप माला को हमेशा गोमुखी में डालकर मंत्र का जप करना चाहिए. कभी भी खुली माला लेकर मंत्र जप नहीं करना चाहिए.
- मंत्र जप करते समय कभी भी माला की मेरु मणि को नहीं पार करना चाहिए.
- खंडित माला से कभी भूलकर भी माला जप नहीं करना चाहिए. कभी भी अपवित्र अवस्था में भी माला जप न करें.
किस माला से किस देवता का जप करें?
- हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी की माला से भगवान विष्णु, भगवान श्री कृष्ण और भगवान राम के मंत्र का जप करना चाहिए.
- सफेद चंदन की माला से भगवान विष्णु के मंत्र जप करने के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है.
- यदि आप शक्ति की साधना करते हुए किसी देवी के मंत्र का जप करना चाहते हैं तो इसके लिए आप लाल चंदन की माला या फिर रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर सकते हैं.
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- भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा के लिए रुद्राक्ष की माला से जप करना अत्यंत ही शुभ माना गया है.
- यदि आप चंद्र देवता की पूजा कर रहे हैं तो आप उनके मंत्र का जप मोती की माला से कर सकते हैं, लेकिन यदि यह माला उपलब्ध न हो तो रुद्राक्ष की माला से करना उचित रहता है.
- यदि आप देवगुरु बृहस्पति की पूजा कर रहे हैं तो हल्दी की माला से जप करना शुभ एवं फलदायी होता है.
- शुक्र देवता की पूजा में उनके मंत्रों का जप करने के लिए यदि संभव हो तो स्फटिक की माला का प्रयोग करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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